
गुमराह चिंतन की परतें खोलती है पुस्तक “बीरेन्द्र श्रीवास्तव, चुनी हुई कविताएं”, – गिरीश पंकज
“अखबार” जैसी कविता के माध्यम से नक्सलवाद के गुमराह चिंतन की परतें खोलने में बीरेन्द्र श्रीवास्तव की पुस्तक “बीरेन्द्र श्रीवास्तव, चुनी हुई कविताएं” पूरी तरह सफल रही है.उक्ताशय के विचार देश के प्रख्यात साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने विश्व पुस्तक मेला दिल्ली के मंच पर इस पुस्तक के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए.
मनेन्द्रगढ़, छत्तीसगढ़ अंचल के वरिष्ठ रचनाकार बीरेन्द्र श्रीवास्तव की पुस्तक “बीरेन्द्र श्रीवास्तव,चुनी हुई कविताएं” विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में देश के प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज के हाथों लोकार्पित की गई.न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित 43 कविताओं के इस काव्य संग्रह के लोकार्पण अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि बीरेन्द्र श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ कवि के कविताओं में जीवन दर्शन के विविध आयाम दिखाई पड़ते हैं.एक अच्छी कविता में सार्थक तथ्य, विज्ञता और तार्किकता जैसे गुणों की आवश्यकता होती है बीरेन्द्र के इस संग्रह की कविताओं में यह सभी गुणों का समावेश है. “अखबार” जैसी कविता के माध्यम से नक्सलवाद के गुमराह चिंतन की परते खोलने में कवि पूरी तरह सफल रहा है.प्रगति मैदान नई दिल्ली के सात विशाल सभागार में आयोजित विश्व पुस्तक मेला के हाल क्र.2-3 के न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन के मंच पर आयोजित यह लोकार्पण समारोह सुश्री शालिनी के संचालन एवं छत्तीसगढ़ के चर्चित पत्रकार सुधीर शर्मा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर धीरेंद्र बहादुर सिंह,दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार तनवीर हसन, छ.ग.के बाल कविता के लेखक बलदाऊ राम साहू,साहित्यकार पद्मनाथ गौतम,उमाकांत खुबालकर, प्रकाशक श्री मुकेश जी,एवं रमेश शर्मा सहित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मीडिया प्रभारी एवं पेंगुइन के चर्चित लेखक अभय मिश्रा तथा बीबीसी लंदन के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी के साथ-साथ स्टडी आई क्यू के मीडिया डायरेक्टर राजकुमार कौल,की उपस्थिति इस लोकार्पण समारोह के साक्षी बने हैं. उपस्थित साहित्य मनीषियों के अनुरोध पर बीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कविता संग्रह “बीरेन्द्र श्रीवास्तव, चुनी हुई कविताओं” पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कविता संग्रह जिज्ञासु पाठकों के बीरेन्द्र श्रीवास्तव – कौन, क्या और कैसे रचनाकार, जैसे प्रश्नों के समाधान प्रस्तुत करती है. इसमें ऐसी चुनी हुई रचनाएं संकलित है, जो देश के विख्यात साहित्यकार स्वर्गीय तेजिंदर सिंह, विद्वान लेखक गिरीश पंकज एवं समीक्षक प्रशांत तिवारी और अजय चंद्रवंशी द्वारा श्रेष्ठ कविताएं निरूपित की गई हैं. लोकार्पण समारोह के अंत में “चिड़िया” कविता की प्रस्तुति से कवि ने उपस्थित पाठको एवं श्रोताओं को पुस्तक के कलेवर से परिचित कराया. जिसका उपस्थित श्रोताओं में स्वागत किया.
राजेश सिन्हा 8319654988