
उन्होंने विद्यालयवार चर्चा करते हुए प्राचार्यों तथा शिक्षकों से संवाद कर बच्चों की उपस्थिति, परीक्षा परिणाम, गतिविधियों में भागिता के सम्बंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक नियमित रुप से विद्यालय आएं, अकारण बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गत वर्ष के परीक्षा परिणाम का अवलोकन करते हुए कहा कि आगामी सत्र में बेहतर परिणाम हेतु अभी से तैयारियां शुरू करें, किसी विषय मे कमजोर बच्चों का चिन्हांकन कर सम्बन्धित विषय के शिक्षक अतिरिक्त कक्षा लेकर उन्हें शिक्षित करें। बच्चों की रुचि के अनुसार रोचनात्मक कक्षा का आयोजन कर नई-नई तकनीकों के माध्यम से उन्हें सिखाएं। उन्होंने बच्चों के शैक्षणिक के साथ-साथ मानसिक, शारिरिक, नैतिक विकास पर भी ध्यान देने की बात कही।
कलेक्टर ने बैठक में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा, इस हेतु अभिभावकों से संपर्क कर कारण पता कर उन्हें विद्यालय भेजने प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी प्राचार्य यह ध्यान रखें कि नियमित रुप से विद्यालय में अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित हो। उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों की मॉनिटरिंग हेतु जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहें हैं, इनके द्वारा नियमित रूप विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अनिल जायसवाल, सर्व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, स्वामी आत्मानन्द विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षक तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।