
प्रदेशव्यापी हड़ताल से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई – गुलाब कमरो
मितानिन बहनों और NHM स्वास्थ् कर्मियों की जायज मांगों को लेकर गुलाब कमरों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
रायपुर।छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों बड़ी संकट में है। प्रदेश की मितानिन बहनों और 16 हज़ार एन.एच.एम. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है, जिससे प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई हैं।
छत्तीसगढ़ ट्रेड यूनियन काउंसिल के प्रांताध्यक्ष एवं पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर तत्काल समाधान की मांग की है। उन्होंने मितानिन बहनों की 3 सूत्रीय और एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की 10 सूत्रीय मांगों को जायज बताते हुए कहा कि इन मांगों को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।
मितानिन बहनों की प्रमुख मांगें
1. चुनावी घोषणा पत्र 2023 में किए गए वादे के अनुसार मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर का एनएचएम में संविलियन।
2. वेतन क्षतिपूर्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि।
3. ठेका प्रथा समाप्त कर एनजीओ के माध्यम से कार्य कराने की व्यवस्था बंद करना।
गुलाब कमरों ने कहा कि मितानिन बहनों का संघर्ष वर्षों से चला आ रहा है। भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव में उनके संविलियन और मानदेय वृद्धि का वादा किया था, लेकिन आज तक वादे पूरे नहीं हुए हैं। यह वादाखिलाफी है और इससे मितानिन बहनों को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है।
NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की 10 सूत्रीय मांगें
एनएचएम के 16 हज़ार संविदा कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी मांगें इस प्रकार हैं:
1. संविलियन एवं स्थायीकरण।
2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना।
3. ग्रेड-पे का निर्धारण।
4. कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता।
5. लंबित 27% वेतन वृद्धि।
6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण।
7. अनुकंपा नियुक्ति।
8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा।
9. स्थानांतरण नीति।
10. न्यूनतम 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा।
स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
गुलाब कमरों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही कर्मचारियों और मितानिनों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी। उन्होंने कहा –
“शासन अपने चुनावी वादों को पूरा करे, अन्यथा कर्मचारी व मितानिन बहनें और उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगी।”
विपक्षी तेवर तेज
गुलाब कमरों ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में कर्मचारियों और मितानिनों से नियमितिकरण और संविलियन का वादा किया गया था, मगर अब तक कुछ भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि आंदोलनरत कर्मचारियों और मितानिनों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्ण विचार कर त्वरित कार्रवाई की जाए।