जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोविड प्रबंधन, वैक्सीनेशन, कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को संबल देने के लिए पैकेज जल्द तैयार करने तथा तीसरी लहर में संक्रमण के फैलाव को रोकने की तैयारियोंं आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि इस महामारी से समाज के अन्य वर्गों के साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग भी अत्यधिक प्रभावित हुआ है। चिकित्सा विशेषज्ञ संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। ऎसे में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर की दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय किया गया।
बैठक में बताया गया कि पहली लहर के समय जिन 33 लाख असहाय, निराश्रित एवं श्रमिक परिवारों को 3 हजार 500 रूपए प्रति परिवार की सहायता प्रदान की गई थी। उन्हें संबल देने के लिए इस वर्ष की एक हजार रूपए की दूसरी किश्त इसी जून माह में जारी कर दी जाएगी। इन परिवारों को एक हजार रूपए इस वर्ष की पहली किश्त अप्रेल माह में ही दी जा चुकी है।
मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव पारित किया कि केंद्र सरकार अन्य आयु वर्गों की भांति ही 18-44 आयुवर्ग के युवाओं के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए। ग्लोबल टेंडर करने के बावजूद वैक्सीन निर्माता कंपनियां राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए तैयार नहीं है। ऎसे में केंद्र सरकार का दायित्व है कि जिस तरह 45 वर्ष से उपर के लोगों के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं, उसी प्रकार राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों को युवा वर्ग के लिए भी पर्याप्त मात्रा में और निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए। इसी अनुरूप भविष्य में आने वाली बच्चों की वैक्सीन भी राज्यों को निशुल्क उपलब्ध कराई जानी चाहिए।