
जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली 9 वीं की छात्रा सताक्षी तिवारी अपनी छोटी सी उम्र में अपनी प्रतिभा से अपनी पहचान और अपने हुनर को तराशने में जुटी है. इसने अपनी भावनाओं को ब्रश के माध्यम से पेपर पर उतारना अच्छा लगता था. कड़ी मेहनत और लगन से उसने अपने बचपन के शौक को साकार कर दिखाया.
कोरिया: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं, यह कुदरत की देन होती है. उसकी मेहरबानी किस पर कब कैसे हो जाए कहा नहीं जा सकता. अपने भीतर की प्रतिभा को निखारने और तरासने वाला ही कलाकार बनता है. जरूरत होती है ऐसे प्रतिभाओं को मौका देने की. कोई भी बाधा प्रतिभा को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती हैं. कौन बताता है कि नदी को समंदर का रास्ता जिसे मंजिल का ज़ुनून हो वो रास्ता नहीं पूछता…
छात्रा सताक्षी बताती हैं कि “स्कूल में उसे प्रोजेक्ट का का कार्य दिया जाता था. जब और स्टूडेंड उससे बेहतर ड्राइंग बनाकर लाते थे तो मैं निराश होकर इस बात को जब अपने माता पिता से बताती थी तो उसे अच्छे से तैयारी करने को कहा करते थे. धीरे धीरे जब वह थोड़ी सी प्रयास की तो वह कई प्रकार की चित्रकारी में निपुण हो गई.अब वह कई लोगों का चित्र देखकर कुछ ही देर में बना देती है. अब तक वह कोरिया कलेक्टर कुलदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पेंटिंग हू ब हू बना दी है. सताक्षी की मां दीपमाला बताती हैं कि “जब वह न्यू लाइफ स्कूल में जब पढ़ती थी तभी कुछ न कुछ बनाया करती थी. उसी दौरान ही मैंने होम वर्क के दौरान उसे प्रोत्साहित करते थे.”सताक्षी के पिता का कहना है कि “कोरोना काल में जब ओ घर में ही रहा करती थी उस दौरान वह चित्रकारी में ही ज्यादातर अपना समय व्यतीत किया. आज उसी का नतीजा है कि वह किसी को भी देखकर उसका चित्र बना देती है
राजेश सिन्हा
संपादक
खबर जागरण न्यूज