एमसीबी से मनेंद्रगढ़ तक… चर्चाओं के बीच भी जिले की उपलब्धियों को याद रखना जरूरी
मनेंद्रगढ़।इन दिनों मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर (एमसीबी) जिले में डीएफओ मनीष कश्यप साहब को लेकर खूब चर्चाएँ हो रही हैं। भालू की घटनाओं, अवैध पेड़ कटाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लगातार आलोचना भी हो रही है, और विपक्षी दल कांग्रेस इन विषयों पर सरकार व विभाग को घेरने में जुटी है। लोकतंत्र में विपक्ष का यह दायित्व भी है और ज़रूरी भी।
लेकिन इसी के साथ एक तथ्य यह भी है जिसे भुलाया नहीं जाना चाहिए—इसी जिले में शुरू की गई महुआ बचाओ पहल और 29.3 करोड़ साल पुराने गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को देश के मानचित्र पर पहचान दिलाने में डीएफओ साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह धरोहर आज एमसीबी जिले का गर्व है।
आज इसका एक प्रेरक दृश्य देखने को मिला।
मध्यप्रदेश के अनूपपुर और छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से सैकड़ों स्कूली बच्चे मनेंद्रगढ़ स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क का भ्रमण करने पहुंचे। बच्चों ने करोड़ों साल पुराने इस जीवाश्म और पृथ्वी के इतिहास को नज़दीक से जाना, प्रकृति के विकास को समझा और विश्व धरोहर की इस अनमोल संपदा का महत्व जाना।
बच्चों की उत्सुकता, शिक्षकों का उत्साह और फॉसिल पार्क का वैज्ञानिक महत्व—ये सब मिलकर बता रहे थे कि एमसीबी जिला केवल विवादों का केंद्र नहीं, बल्कि प्राकृतिक विरासत, अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केन्द्र भी है।
आलोचना अपनी जगह है, सुधार की ज़रूरत भी है—लेकिन जिले की उपलब्धियों को याद रखना और उसे आगे बढ़ाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
राजेश सिन्हा 8319654988

