हितग्राही का आवास वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत हुआ था और उसके पास केवल कच्चा अवस्था उसके पुत्र की शादी 2019 में हुई है और उसके पुत्र की पत्नी की नौकरी शादी होने के पहले लग चुकी थी और 2020 में ट्रैक्टर खरीदा गया है और उसके पिता के नाम पर 6 एकड़ जमीन थी क्योंकि वह चार भाई हैं और एक बहन और उसके नाम पर एक भी जमीन नहीं थी 2016 में जब मकान स्वीकृत हुआ था और उसके पिता की मृत्यु हुए 8 माह करीब हो चुके हैं जिस कारण से भाइयों से सहमति लेकर उसने स्वयं के नाम पर 2021 में जमीन स्वयं के नाम पर करवा ली है अब इसमें जीआरएस या स्वीकृत करता की कौन सी गलती है केवल पत्रकार महोदय द्वारा राशि की मांग किए जाने पर नहीं दिए जाने पर अनाप-शनाप मेरे बारे में छापा गया है और मीडिया ग्रुप में मुझे बदनाम किया जा रहा है अब बताइए आवास मिलने के बाद हितग्राही यदि जमीन खरीदता है और ट्रैक्टर लेता है और उसके किसी परिवार में सदस्य की नौकरी लग जाती है तो इसमें पंचायत कर्मी की क्या गलती है केवल पत्रकार महोदय को राशि नहीं दिए जाने पर मनगढ़ंत कहानी बनाकर छापा गया है जो कि गलत है यह बात सही है की उसके पास ट्रैक्टर और उसकी पुत्र वधू की नौकरी वर्तमान में चल रही है क्योंकि सभी कार्य आवास स्वीकृति और कंप्लीट होने के बाद हुए हैं
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