आमाखेरवा में स्थित मुक्तिधाम रिहायसी क्षेत्र में होने से कई गंभीर रोग होने का खतरा बढ़ा
मृत शरीर के जलने से कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है
रिहायशी इलाके में मुक्तिधाम (श्मशान घाट) नहीं होना चाहिए
मनेंद्रगढ़ :- आमखेरवा में स्थित मुक्तिधाम नगरपालिका के द्वारा बनाया गया है जिसके लगभग 500 मीटर में खान बचाव केंद्र, बीएसएनएल ऑफिस, सेंट्रल हॉस्पिटल जहां दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं नेत्रहीन विद्यालय है जहां बच्चों की पढ़ाई होता है बच्चे वहीं रहते भी है, सेंट्रल हॉस्पिटल और खान बचाव केंद्र में कार्यरत लोगों के लिए स्टाफ क्वार्टर भी यहीं पर है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी निवास करते हैं, जिससे मृत शरीर से निकलने वाले रसायन जो हवा के जरिए फैलता है और गंभीर बीमारी होने का में भय बना रहता है
मृत शरीर को जलाने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. एयरबोर्न पैथोजन्स: जलने की प्रक्रिया में हवा में जीवाणु, वायरस और फंगस फैलते हैं, जो सांस लेने से मनुष्यों में बीमारी पैदा कर सकते हैं।
2. कैंसरजनक रसायन: मृत शरीर के जलने से कैंसरजनक रसायन जैसे डाइऑक्सिन और फ्यूरान निकलते हैं, जो हवा और पानी में मिलकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. हेपेटाइटिस और एचआईवी: यदि मृत व्यक्ति हेपेटाइटिस या एचआईवी से संक्रमित था, तो जलने की प्रक्रिया में ये वायरस हवा में फैल सकते हैं और अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
4. त्वचा और आंखों की समस्याएं: जलने के दौरान निकलने वाले रसायन त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
5. श्वसन संबंधी समस्याएं: जलने के दौरान निकलने वाले धुएं में मौजूद प्रदूषक श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
रिहायशी इलाके में मुक्तिधाम (श्मशान घाट) नहीं होना चाहिए क्योंकि:
1. दुर्गंध और प्रदूषण: मुक्तिधाम से निकलने वाली दुर्गंध और धुएं से आसपास के इलाके में प्रदूषण फैलता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
2. स्वास्थ्य जोखिम: मुक्तिधाम में मृत शरीरों के जलने से निकलने वाले जीवाणु और वायरस हवा में फैलते हैं, जो स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं।
3. मानसिक प्रभाव: रिहायशी इलाके में मुक्तिधाम होने से लोगों पर मानसिक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक कारण: मुक्तिधाम को आमतौर पर एक शांत और एकांत स्थान माना जाता है, जो रिहायशी इलाके में नहीं होना चाहिए।
इन कारणों से, रिहायशी इलाकों में मुक्तिधाम नहीं होना चाहिए और उन्हें अलग से स्थानों पर बनाया जाना चाहिए।
शासन व प्रशासन को चाहिए ऐसे रिहायासी जगह से मुक्तिधाम को कहीं दूसरे जगह बनाया जाना चाहिए जिससे आम लोगों में होने वाली गंभीर बीमारियों का खतरा ना रहे।