
जनकपुर में लगा बाल स्वास्थ्य शिविर, 99 बच्चों का हुआ परीक्षण
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत हुआ आयोजन, कुपोषण मुक्ति को मिला नया आयाम
भरतपुर:- आदिवासी अंचल में बच्चों को कुपोषण के चक्र से बाहर निकालने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में भरतपुर विकासखंड के जनकपुर में एकीकृत बाल विकास परियोजना भरतपुर (जनकपुर) के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना छत्तीसगढ़ शासन की वह महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसके माध्यम से कुपोषित व संकटग्रस्त बच्चों को विशेषज्ञ चिकित्सकीय परामर्श, स्वास्थ्य परीक्षण तथा पोषण से जुड़ी आवश्यक सहायता नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। जनकपुर में आयोजित शिविर में स्वास्थ्य विभाग की सहभागिता से दर्जनों गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों से आए बच्चों की जांच की गई और उन्हें आवश्यक दवाइयाँ एवं पोषक तत्व वितरित किए गए।
शिविर में 99 कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण बाल रोग विशेषज्ञों की निगरानी में किया गया। चिकित्सकों ने उनके पालकों को बच्चों के आहार, दिनचर्या और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इसके साथ ही मल्टीविटामिन, आयरन, कैल्शियम सिरप, प्रोटीन पाउडर, पौष्टिक बिस्किट तथा अन्य ज़रूरी दवाओं का नि:शुल्क वितरण किया गया।
शिविर आयोजन की जानकारी देते हुए एकीकृत बाल विकास परियोजना भरतपुर के लेखापाल रघुवेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग एमसीबी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी जनकपुर के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य कुपोषण को जड़ से समाप्त करना है और इस दिशा में शासन की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
शिविर में सुपरवाइजर कुंवारी पूजा राव, पायल कंवर और उत्तम मरकाम की उपस्थिति एवं सक्रिय भूमिका सराहनीय रही। इन अधिकारियों ने आयोजन की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जनकपुर के इस शिविर में ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। माताओं ने बच्चों की जांच करवाने के साथ डॉक्टरों से पोषण संबंधी जानकारी प्राप्त की। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शासन की इस पहल की प्रशंसा की और बताया कि ऐसे शिविर नियमित अंतराल पर आयोजित होते रहें तो क्षेत्र के बच्चों में कुपोषण की दर निश्चित रूप से कम होगी।
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत इस प्रकार के आयोजन न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता फैला रहे हैं, बल्कि शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता और ज़मीनी स्तर पर सक्रियता का भी प्रमाण दे रहे हैं। जनकपुर का यह शिविर आने वाले दिनों में आदिवासी अंचलों के लिए एक मिसाल बन सकता है।
राजेश सिन्हा,8319654988