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शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर हमारे गुरु हमारे शिक्षकों के नाम कुछ आभार भरे शब्द – पूजा खरे
गुरु शिक्षक जो हमें पूर्ण बनाते है, अपने दिए हुए ज्ञान से हमारी अधूरी जिंदगी पूर्ण करते हैं।हर व्यक्ति की जिंदगी का सबसे पहला विद्यालय उसका घर, जहां वो शुरुआती दौर में अपनी पहली गुरु अपनी मां से संस्कारों की शिक्षा प्राप्त करता है ,संस्कारों से परिपूर्ण होता है, जो जिंदगी भर उसका साथ निभाते है ,उसके व्यक्तित्व का परिचय करवाते है कि उसका व्यक्तित्व कैसा है , क्योंकि हर व्यक्ति के संस्कार ही उसके अच्छे या बुरे इंसान होने की झलक दिखाते हैं। एक मां का सब से एहम किरदार गुरु , संस्कारों का ज्ञान देने वाली गुरु मां। फिर आती है हमारे दूसरे विधालय की , हमारे दूसरे एहम गुरु की जिन्हें हम शिक्षक कहते है , पर सिर्फ विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं कहलाते, हर वो व्यक्ति जो हमें शिक्षा प्रदान करता है वह शिक्षक कहलाता है, जिसमें दुनियां भी शामिल है जो हमें वक्त के साथ साथ अच्छे बुरे की पहचान कराना सिखाता है , पर गुरु सिर्फ दो है सबसे पहली मां ,जो हमें संस्कारों से पूर्ण करती है, दूसरे हमारे गुरु जो हमारे दूसरे विद्यालय जिसे घर से बाहर जाकर प्राप्त करते है वो है ज्ञान ,पुस्तक का ज्ञान, ये वे गुरु है जो हमें वेद पुराण ग्रंथों के ज्ञान से पूर्ण बनाते है, जो हमारी जिंदगी को एक नया रूप देता है , जिससे हम अपनी एक नई जिंदगी का निर्माण करते है जो हमें खुद अपने ज्ञान से बनानी होती है। ये दोनों ही गुरु हमें अपनी जिंदगी को बेहतर से भी बेहतर कहा जाए तो बेहतरीन बनाने में हमें सक्षम बनाते है । जिससे हम इस दुनिया में इज़्ज़त सम्मान से रहने के काबिल बनते है।
हमारे दोनों गुरु को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई और शत शत नमन