जैविक खेती एवं पोषण वाटिका पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
बुरहानपुर कृषि विज्ञान केंद्र बुरहानपुर एवं इफिकोर संस्था के सौजन्य से 02 दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक02.08.2022 से दिनांक03.08.2022 परीक्षण का आयोजन किया गया है। प्रशिक्षण का उद्देश्य जैविक खेती एवं पोषण वाटिका के माध्यम से खेती बाड़ी में उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरकों एवं रासायनिक पेस्टिसाइडओं के प्रयोग को कम कम करके खेती-बाड़ी की लागत को कम किया जा सके साथ ही रसायनों से होने वाले दुष्प्रभाव को नियंत्रण किया जा सके।इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में ग्रामसभा सरोला ,शिवल ,बुरहानपुर के गांव से 30-30 अलग-अलग समूह की कृषक महिलाओं ने भाग लिया।60 कृषक महिलाओं को जैविक खेती एवं पोषण वाटिका प्रशिक्षण में दीया गया प्रशिक्षण में डॉक्टर संदीप कुमार सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र बुरहानपुर एवं श्री अमोल देशमुख प्रशिक्षण के देखरेख में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में इफिकोर संस्था के रमेश मसीह फील्ड अधिकारी तथा श्वेता टाइटस द्वारा अलग-अलग गांव से प्रतिदिन 30 चयनित कृषक महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र सांढस कला बुरहानपुर में लाया गया तथा संस्था एवं परियोजना सुरक्षा बाल विकास बुरहानपुर के अनुरूप दो दिवसीय पाठ्यक्रम तय करके जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं पर केंद्र के अलग-अलग विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
जिसमें केंद्र के प्रमुख डॉ संदीप कुमार सिंह ने रासायनिक उर्वरक तथा पेस्टिसाइड केवी फल के रूप में जैविक खेती जिसमें जैव उर्वरक जैविक खाद की खेती में उपयोगिता एवं विशेषता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि जैविक खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करके शुद्ध जैविक उत्पाद तैयार कर सकते हैं। बाजार में अधिक कीमत प्राप्त करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।विशेषज्ञ मेघा विभूते ने पोषण वाटिका के महत्व विशेषता एवं विधियों पर कृषकों को विस्तार से जानकारी दी साथ ही ब्रह्मास्त्र एवं अग्नियास्त्र को बनाने की विधि बताई। केंद्र के विशेषज्ञ श्री अमोल देशमुख ने देसी बीज का महत्व उसका भंडारण तथा खेती में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न प्रकार की जैविक दवाइयों को बनाने की विधियां एवं उपयोगिता के बारे में जानकारी दिया गया साथ ही सभी को सारे जैविक यूनिट का भ्रमण किया कराया गया । प्रशिक्षण में मुन्नी बाई रतन,प्रियंका राजू,रंजना प्रेम सिंह,रेखा बाई भागीरथ,लीलाबाई दरबार,सुषमा बाई कडू, सुमन प्यार सिंह आदि कृषक महिलाओं ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन केंद्र के विशेषज्ञ श्री कार्तिकेय द्वारा किया गया।
राजेश सिन्हा