झूठी दौर में आखिर जनता किसका करेगी भरोसा
छत्तीसगढ़ :- कोरबा -लोकसभा चुनाव की बयार चल रही है। प्रथम चरण का मतदान भी सम्पन्न हो चुका है और दूसरे चरण के लिए रैलियों का दौर चालू है नेता अपनी उपलब्धियां ,योजनाए और चुनावी वादे जनता के बीच परोस रहे हैं। लेकिन जनता में इस बार चुनाव को लेकर कोई खास उल्लास नजर नही आ रहा है और इस बात की पुष्टि पहले चरण के मतदान ने भी कर दिया है।
पर इस बार के चुनाव में एक खास बात है कि जनता नेताओ का मूल्यांकन करने लगी है । कौन नेता क्या कह रहा है और पहले क्या कहा था इस बात पर सोशल मीडिया में भी बहस छिड़ी है। यूजर इस होड़ में नेताओ को नँगा कर रहे हैं कि जनता सोचने पर मजबूर हो लेकिन इस चुनाव में जो भय है वो नेताओ और जनता दोनों को डरा कर रखा है। ईवीएम मशीन को लेकर जहां विपक्षा डरा हुआ है वही जनता के मूड ने मोदी पार्टी को डरा रखा है। अब जाति धर्म के बीच लोग देश की हालत और बदहालत को भी देख रहे हैं। कोई रोजगार, तो कोई नौकरी तो कोई मंहगाई को मुद्दा बना रहा है और इस बात के लिए बाकायदा लोगो में बहस जारी है। लेकिन अभी एक बड़ा तबका ऐसा है कि उसे महंगाई, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार से बहुत फर्क नही पड़ता है उसने तो धर्म और जाति को ही देश का विकास समझ लिया है।
वही मोदी सरकार की योजनाओं की बात की जाए तो बेशक कुछ योजनाए लोगो के लिए अच्छी साबित हुई है। घर लोगो की बेसिक जरूरत होती है मोदी ने घर दे दिया। लोगो को शौचालय दे दिया और जनता को पांच किलो निःशुल्क अनाज दे दिया लेकिन उनके पीछे महंगाई का बड़ा बोझ भी लाद दिया। गैस , पेट्रौल, डीजल के साथ साथ सभी जरूरत की वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे लोग कर्ज से लद गए लेकिन सरकार ने किसी भी वस्तु में राहत नही दी।
अब बात रोजगार की करे तो छात्रों को नौकरी चाहिए जो सरकार दे नही रही है, मजदूरों को रोजगार चाहिए जो सरकार के पास है नही। तो सरकार ने सोचा क्यों न फ्री में अनाज देकर लोगो को घर में बैठा दिया जाए जिससे कोई जूनून मुद्दों पर सवाल न खड़े करे। लेकिन इससे जनता अकर्मण्यता की ओर जा रही है गांव में मजदूर नही है , कुशल कारीगर नही है। कोई खेतो में काम नही कर रहा है । सभी सरकार की ओर देख रहे हैं कि और क्या क्या फ्री में मिलने वाला है।
किसानों की बात करे तो सरकार ने उनके मन की एमएसपी भले न दी हो उनके अधिकारों पर अमल न किया हो या उनकी मांगें न मानी हो इन हालातों को तो आप सब ने देखा है लेकिन इसके इतर सरकार ने किसानों को आय बढ़ाने के लिए साधन मुहैया कराए हैं, किसानों को अनुदान में कृषि यंत्र दिए भले ही उसका लाभ कुछ लोगो तक ही क्यों न पहुचा हो लेकिन जिसने भी प्रयास किया है उसको सरकार की योजना का लाभ जरूर मिला है। मजदूरों को आर्थिक योजनाओं के माध्यम से संतृप्त करने की कई योजनाये संचालित की जा रही है वो चाहे श्रम विभाग से हो या समाज कल्याण विभाग से हो बच्चियों के जन्म से लेकर शादी तक की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा हैं।
पर सवाल इस बात का है कि देश कहा जा रहा है युवाओ का भविष्य कितना सुरक्षित है सरकारी नौकरियो की तैयारी में लगे युवाओ के लिए सरकार के पास क्या है। सरकारी संपत्तियां क्यो बेची जा रही है देश मे पूजीवाद को बढ़ावा क्यो दिया जा रहा , देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता क्यो नही की जा रही है। देश मे स्किल डेवलपमेंट क्यो नही किया जा रहा है। इस तरह के अनगिनत सवाल है जिनके जवाब सरकार के पास तो नही है।
राजेश सिन्हा- 8319654988