राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की हालत नाजुक, PM आवास योजना का लाभ नहीं मिला
मनेंद्रगढ़:- देश की आजादी के 75 साल बाद भी समाज के हाशिए पर खड़े राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की जिंदगी में सुधार नहीं आ सका है। सरकार की तमाम बड़ी-बड़ी योजनाओं और दावों के बावजूद, छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के कुडाकू जनजाति के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
नगरीय क्षेत्र में होने के बावजूद, इनकी बस्ती में विकास की रोशनी अब तक नहीं पहुंची है। शाम होते ही विषैले सांपों का दिखना यहां आम बात हो गई है, जो घरों में घुसकर लोगों की जान के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।
दत्तक पुत्रों को पक्का मकान देने का वादा, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किया गया था, आज भी अधूरा है। टूटे-फूटे मकानों में जीवन बसर कर रहे इन लोगों को न तो सरकारी जमीन का पट्टा मिला है और न ही पक्के मकान का सपना साकार हो पाया है।
मजदूरी कर परिवार का पालन करने वाले इन लोगों के लिए सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई हैं। चुनाव के समय इनके मुद्दों पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जनप्रतिनिधि, चुनाव जीतने के बाद इन्हें भूल जाते हैं।
अब सवाल यह है कि कब तक ये दत्तक पुत्र इस बदहाल स्थिति में रहेंगे और कब उनके जीवन में बदलाव आएगा। प्रशासन और सरकार की उदासीनता पर अब भी सवालिया निशान बने हुए हैं। क्या इनके अच्छे दिन कभी आएंगे? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब अब तक अधूरा है।
राजेश सिन्हा 8319654988