
श्री रामचंद्र जी को क्यों माफी मांगना पड़ा चित्रगुप्त भगवान से
यह कहानी श्री रामचंद्र जी और चित्रगुप्त भगवान के बीच की एक प्रसिद्ध कथा है
जब श्री रामचंद्र जी अयोध्या के राजा बने, तो उन्होंने अपने राज्य अभिषेक के लिए एक बड़ा समारोह आयोजित किया। उन्होंने सभी देवताओं और ऋषियों को आमंत्रित किया, लेकिन चित्रगुप्त भगवान को निमंत्रण नहीं भेजा गया।
चित्रगुप्त भगवान, जो यमदेव के सहायक और लेखा के देवता हैं, ने यह बात जानकर बहुत अपमान महसूस किया। उन्होंने अपने कलम को रख दिया और लेखा करना बंद कर दिया।
इसके परिणामस्वरूप, समस्त सृष्टि में लेखा-जोखा ठप हो गया। कोई भी कार्य नहीं हो पा रहा था, क्योंकि चित्रगुप्त भगवान के कलम के बिना कोई लेखा-जोखा नहीं हो सकता था।
श्री रामचंद्र जी को जब यह बात पता चली, तो उन्होंने चित्रगुप्त भगवान से माफी मांगी और उन्हें अपने राज्य अभिषेक में आमंत्रित किया। चित्रगुप्त भगवान ने उनकी माफी स्वीकार की और अपने कलम को फिर से चलाया।
इस प्रकार, समस्त सृष्टि में लेखा-जोखा फिर से शुरू हो गया। यह कथा चित्रगुप्त भगवान की महत्ता और उनके कलम की शक्ति को दर्शाती है।