मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला प्रशासन ने ई-नीलामी से 3 रेत खदानों का किया आबंटन, 54.50 लाख रुपये का आवेदन शुल्क प्राप्त
मनेन्द्रगढ़/चिरमिरी/भरतपुर।जिले में छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्तखनन एवं व्यवसाय) नियम 2025 लागू होने के बाद पहली बार ई-नीलामी (रिवर्स ऑक्शन) के माध्यम से रेत खदानों का आबंटन किया गया। कलेक्टर मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर की निगरानी में संपन्न हुई इस प्रक्रिया में कुल 54 लाख 50 हजार रुपये आवेदन शुल्क के रूप में प्राप्त हुए।
जिले के डांडहसवाही, मुर्किल और नेउर रेत खदानों के लिए एमएसटीसी पोर्टल पर 13, 14 और 20 नवंबर 2025 को निविदाएं खोली गईं। खनिज अधिकारी श्री दयानन्द तिग्गा ने जानकारी दी कि—
- डांडहसवाही रेत खदान (तहसील केल्हारी, रकबा 4.99 हे.) के लिए 408 आवेदन प्राप्त हुए।
- मुर्किल रेत खदान (तहसील कोटाडोल, रकबा 5.00 हे.) के लिए 56 आवेदन मिले।
- नेउर रेत खदान (तहसील कोटाडोल, रकबा 2.50 हे.) के लिए 81 आवेदन प्राप्त हुए।
एमएसटीसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन लॉटरी कर आबंटन किया गया, जिसमें
डांडहसवाही के लिए चैतन्य साहू,मुर्किल के लिए नयन छत्तानी,नेउर के लिए सुनील कुमार गुप्ता अधीमानी बोलिदार घोषित किए गए।
विभाग के अनुसार ई-नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, स्वचालित और ऑनलाइन माध्यम से पूरी की गई। चयनित बोलिदारों को 15 दिवस के भीतर प्रति हेक्टेयर 1 लाख रुपये जमा करने होंगे, जिसके बाद उत्खनन योजना तैयार कर पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त की जाएगी और खदानें संचालित हो सकेंगी।
जिला प्रशासन ने कहा कि नई रेत नीति से पारदर्शिता बढ़ी है और राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
