मेहनत और दुनिया बदलने के जज्बे को सलाम-विश्व प्रकाश मिश्रा
गोरखपुर अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई की शुरुआत 1886 से मानी जाती है। मौजूदा समय में भारत और अन्य मुल्कों में मजदूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित कानून लागू है। बीपी मिश्रा कार्यकारी रेल मंडल अध्यक्ष गोरखपुर के द्वारा बताया गया मजदूर की चिंता किया जाना इसलिए जरूरी है क्योंकि किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति तथा राष्ट्रीय हितों की पूर्ति का प्रमुख भार श्रमिक वर्ग के कंधों पर होता है। दुनिया के हर एक कोने में लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए काम करते हैं । भारत में श्रमिक दिवस की शुरुआत कामरेड नेता सिगारवेलू चेटयार के सुझाव पर 1 मई 1923 को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में शुरुआत हुई। बीपी मिश्रा के द्वारा बताया गया संगठन मजदूरों के हित के लिए आवाज उठाता रहेगा।
राजेश सिन्हा
संपादक
खबर जागरण न्यूज़