
कई जीवों का खून चाट चुकी, मांस खा चुकी जीभ से बोले श्लोक से देवता खुश नहीं होते
रेवाड़ी हरियाणा
इतने जप तप पूजा पाठ यज्ञ होने पर भी देवता खुश क्यों नहीं हो रहे, इसका वास्तविक कारण बताने वाले, बाहरी जड़ पूजा से आत्मा को फायदा नहीं मिलता तो फिर जीवात्मा को मुक्ति मोक्ष कैसे मिलेगा, वो अनमोल रास्ता बताने वाले, वो रूहानी दौलत देने वाले वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के प्रति माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को मनाए जाने वाले महाराज जी ने देवताओं की अदालत में सबसे पापी देवता को निकालने के लिए आये प्रस्ताव वाली कहानी से समझाया कि कर्मों का फल भोगना पड़ता है, इससे आज तक कोई बच पाया ही नहीं। अशुद्ध आहार के सेवन से पापी हुए शरीर से की गई पूजा पाठ यज्ञ आदि कबूल नहीं होते। इसलिये ये देवता खुश होकर के पहले जैसा समय पर जाड़ा गर्मी बरसात क्यों नहीं कर रहे हैं।
राजेश सिन्हा