आईजीएल परिसर में बिजनेस हेड के मार्गदर्शन एवं सिविल जज के नेतृत्व में हुई विधिक जागरूकता गोष्ठी
गोरखपुर सहजनवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सिविल जज देवेन्द्र कुमार (द्वितीय ) इस गोष्ठी के रहे मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि उप जिलाधिकारी सहजनवां सुरेश राय,तहसीलदार केशव प्रसाद, नायब तहसीलदार अमित सिंह,डॉ रमेन्द्र त्रिपाठी के साथ अति विशिष्ट अतिथि सीएचसी अधीक्षक सहजनवां रहे ।आज के आधुनिक परिवेश में जहां कर्तव्यों को लेकर जबर्दस्त भागम भाग की स्थिति ने आम जनों को बेहद कठिन स्थिति में डाल दिया वहीं दूसरी तरफ घर परिवार,समाज के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा की कमी से लोगों को संकट में डाल दिया है। आज समाज की इस भयावह स्थिति ने प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की जिम्मेदारी को बढ़ा दिया है कि लोगो को मानसिक ऊर्जा एवं भावनात्मक सहयोग किया जाए। इसी आशय के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मेन्टल हेल्थ केयर एक्ट 1987 को संशोधन करते हुए 2017 में इसे नए स्वरूप में लागू किया और तमाम मानसिक बीमारियों को इसमे समाहित किया गया और इसके लिए प्रत्येक जिला स्तर पर कुशल मानसिक चिकित्सको की तैनाती की गई और जनपद न्यायालयो के माध्यम से इसे कारखानो में और ग्रामीणों में गोष्ठी के माध्यम से लोगो को जागरूक किया जा रहा है। आज जिला जज तेजप्रताप तिवारी के निर्देश पर सिवल जज ने यह गोष्ठी आइजीएल में आयोजित किया गया और इस गोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या और कुरीतिया, मानसिक अपराधों को रोकने और समाज मे शांति व्यवस्था, खुशहाली कायम करने के पुनीत लक्ष्य के साथ कि गयी थी। सिविल जज ने मेन्टल हेल्थ केयर एक्ट 1987 से 2017 तक पर विस्तृत प्रकाश डाला। इसके साथ ही वेदों में वर्णीत दंड प्रवधानों और मनोचिकित्सक प्रणाली का भी जिक्र किया।
उपजिलाधिकारी सहजनवा ने कहा कि आज तनाव भरे दिनचर्या को संयमित करने के लिए ऐसे आयोजनों की जरूरत है और जनपद न्यायालय के न्यायाधीश तेजप्रताप जी का धन्यवाद दिया ।सिविल जज देवेन्द्र कुमार के लिए कहा कि जब तक ऐसे जज इस समाज मे ऐसे जज रहेंगे तब तक न्यायव्यवस्था ऐसे कार्य करती रहेगी। प्रबंन्धक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने इस विधि साक्षरता के पहलुयों पर प्रकाश डाला और आज के समय मे इसकी क्या उपयोगिता है इसको सरल भाषा मे समझाया। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आत्मा नन्द सिह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
राजेश सिन्हा