दो दिवसीय राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह आयोजित देश भर के विद्वान साहित्यकार शामिल हुए
मनेंद्रगढ़ (एमसीबी) सूत्र जगदलपुर द्वारा जारी राष्ट्रीय सूत्र साहित्य सम्मान 20 नवंबर को सूत्र जगदलपुर एवं संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेंद्रगढ के संयुक्त आयोजन में मनेंद्रगढ़ राजस्थान भवन में संपन्न हुआ. देशभर के लगभग 60 साहित्य
कारों की उपस्थिति में सूत्र सम्मान के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार श्री विजय सिंह एवं गिरीश पंकज द्वारा मंचासीन छत्तीसगढ़ भिलाई के विद्वान साहित्यकार नासिर अहमद सिकंदर,वरिष्ठ रचनाकार सांवलिया प्रसाद सर्राफ ,माझी अनंत ,लाहिड़ी महाविद्यालय चिरमिरी के प्राचार्य प्रो रामकिंकर पांडे एवं नंदन जैसे विद्वान साहित्यकारों द्वारा आरा पटना के साहित्यकार ओमप्रकाश मिश्रा एवं जोधपुर राजस्थान के साहित्यकार सूर्य प्रकाश जीनगर को क्रमशः 2020 एवं 2021 का सूत्र सम्मान एवं सम्मान निधि प्रदान किया गया. सम्मान समारोह के इस अवसर पर सूत्र सम्मान के संयोजक विजय सिंह ने अंचल के साहित्यकारों के मध्य सूत्र सम्मान प्राप्त करने वाले दोनों साहित्यकारों को अपनी बधाई देते हुए इस अवसर वर्ष 2022 के सूत्र सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार श्री संजय अलंग का नाम घोषित किया, जिसका उपस्थित साहित्यकारों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि यह घोषणा मनेंद्रगढ़ जो सरगुजा संभाग के अंतर्गत आता है । श्री संजय अलंग एक वरिष्ठ साहित्यकार के साथ-साथ वर्तमान में बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के कमिश्नर है
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि की आसंदी से वक्तव्य देते हुए सौ.से ज्यादा पुस्तकों के लेखक एवं भारतीय संसद द्वारा सम्मानित मनेंद्रगढ़ माटी के विद्वान साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने कहा कि सूत्र सम्मान साहित्य के सृजन में संलग्न लेखकों और साहित्यकारों की साधना का परिणाम है जो लेखकों को अपनी लेखनी के बल पर किसी ऊंचाई तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती रहती है ,उन्होंने विजय सिंह द्वारा घोषित वर्ष 2022 के सूत्र सम्मान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार संजय अलंग के नाम की घोषणा पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे देश के साहित्यकारों की भावना की अभिव्यक्ति निरूपित किया.
संबोधन संस्था के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने सम्मानित साहित्यकारों को शुभकामनाएं देते हुए बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकारो को इस समारोह मे शामिल होने के लिए नगर के विद्वान साथियों की ओर से बधाई दी. उन्होने बिहार बक्सर से आए कुमार शंभू शरण, राजीव कुमार, बिलासपुर के दलजीत सिंह कालरा, श्रीमती किरण गहरवार, राजस्थान, जोधपुर के सूर्य प्रकाश जीनगर ,जगदलपुर से विजय सिंह एवं सरिता सिंह, कवर्धा के अजय चंद्रवंशी, नरेंद्र कुल मित्र, धमतरी के माझी अनंत, डोमन लाल ध्रुव, कोरबा के भास्कर चौधरी एवं कोलकाता शांतिनिकेतन से सुप्रसिद्ध शिल्पकार नवारून तालुकदार बैकुंठपुर के योगेश गुप्ता रूद्र नारायण मिश्र, आत्मानंद विद्यालय बैकुंठपुर के प्राचार्य श्री राजीव लोचन त्रिपाठी, सूरजपुर के सहायक प्रोफेसर बृजलाल साहू, झगड़ा खांड से अनामिका चक्रवर्ती, वीरांगना श्रीवास्तव, श्रीनगर सुरजपुर से रमेश गुप्ता, सहा.प्रो. बृजलाल साहू, मनेंद्रगढ़ से विजय गुप्ता , गंगा प्रसाद मिश्र सहित बैकुंठपुर के पत्रकार संम्वर्त कुमार रूप और दुष्यंत कुमार रूप सहित अलग-अलग अंचलों से आए हुए साहित्यकारों एवं विद्वान साथियों को इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सहभागिता के लिए बधाई दी. आयोजन के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस माध्यम से अंचल के रचनाकारों को देश के विद्वान साहित्यकारों तक जोड़ने की यह कोशिश आज सफलता की ओर बढ रही है. मनेंद्रगढ़ में साहित्य के इस राष्ट्रीय आयोजन की शुरुआत के साथ राष्ट्रीय आयोजनों के लिए मनेंद्रगढ़ को अब देशभर के लोग याद कर सकेंगे
सूत्र सम्मान के 25 वर्षगांठ पर आयोजित इस कार्यक्रम में भिलाई के साहित्यकार श्री छगनलाल सोनी के काव्य संग्रह “मन पंछी आकाश” का विमोचन सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री गिरीश पंकज द्वारा मंच में उपस्थित साहित्यकारों द्वारा किया गया, जिसमें मंचासीन अतिथियों के साथ संबोधन अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं सूत्र के संयोजक श्री विजय सिंह ने विमोचन कर उपस्थित रचनाकारों के सम्मुख इस प्रति को समर्पित किया.
सम्मान समारोह के द्वितीय सत्र में सम्माननीय राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त मनेंद्रगढ़ विधायक माननीय डॉक्टर विनय जयसवाल एवं भरतपुर विधायक माननीय गुलाब कमरों की उपस्थिति के साथ मंच पर मंचासीन डीपीएस स्कूल के निदेशक श्री वेंकटेश सिंह एवं आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर मनेन्द्रगढ़ के निदेशक श्री संजीव सिंह के साथ संबोधन संस्था की संरक्षक श्रीमती इंदिरा सेंगर की उपस्थिति में द्वितीय सत्र प्रारंभ हुआ. अतिथियों के सम्मान के पश्चात सर्वप्रथम बैकुंठपुर के दैनिक समाचार पत्र “सम्यक क्रांति” द्वारा राष्ट्रीय सूत्र सम्मान को प्रोत्साहित करते हुए जारी विशेष परिशिष्ट का लोकार्पण माननीय श्री गुलाब कमरों द्वारा सम्यक क्रांति के संपादक श्री दुष्यंत कुमार रूप एवं सूरजपुर संस्करण के संपादक संम्वर्त कुमार रूप की उपस्थिति में किया गया.स्मरणीय है कि इस पत्र के संस्थापक माननीय श्री रूद्र प्रसाद रूप संबोधन संस्था के संस्थापक सदस्य रह चुके हैंएवं उनका नाम इस संस्था के सूत्रधार के रूप में लिपिबद्ध है .
राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह के अवसर पर माननीय विधायक डॉ विनय जायसवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं इस आयोजन की सफलता के लिए आप सभी को बधाई देता हूं एवं मनेंद्रगढ़ में आए हुए सभी साहित्यकारों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं उन्होंने कहा कि साहित्य तत्कालीन समय के समाज का एक आईना होता है. समय विशेष की जानकारी साहित्य में ही प्रतिबिंबित होती है. साहित्य वास्तविक अर्थों में देश की दशा और दिशा तय करता है . माननीय गुलाब कमरों ने संस्था के इस कार्यक्रम को मनेंद्रगढ़ की उपलब्धि निरूपित करते हुए कहा की संबोधन जैसी संस्थाएं इस नगर को राष्ट्रीय आयोजनों से जोड़कर मनेंद्रगढ़ को गौरव प्रदान कर रही है .मैं सूत्र सम्मान के इस राष्ट्रीय आयोजन के अवसर पर देश भर के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकारों एवं एवं विद्वानों को शुभकामनाएं देते हुए पुनः ऐसे आयोजनों को आमंत्रित करना चाहता हूं जो नगर को ऊंचाइयां दे सकें .
माननीय विधायक महोदय द्वारा अलग-अलग प्रांतों से आए साहित्यकारों एवं आंचलिक साहित्यकारों को साल एवं सम्मान पत्र के द्वारा सम्मानित किया गया। संस्था उपाध्यक्ष श्री हारून मेमन द्वारा माननीय विधायकों की उपस्थिति के लिए संस्था की ओर से आभार व्यक्त किया गया एवं संस्था सदस्यों के उपस्थिति में उन्हें इस अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. इस अवसर पर आयोजित काव्य संध्या का अलग-अलग सत्रों में संचालन करते हुए श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती, अनिल जैन एवं गौरव अग्रवाल के संचालन में देशभर से आए वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ-साथ आंचलिक उपस्थित रचनाकारों के द्वारा काव्य संध्या में अपने गीतों एवं कविताओं की प्रस्तुति दी गई जिसे नागरिकों एवं उपस्थित साहित्यकारों द्वारा सराहा गया. इस कार्यक्रम को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कार्यक्रम संयोजक श्री निरंजन मित्तल, उपाध्यक्ष हारून मेमन, अनिल जैन, नरेंद्र श्रीवास्तव ,राजकुमार पांडे, सरदार हर महेंद्र सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, पुष्कर तिवारी, श्यामसुंदर निगम ,डॉ निशांत श्रीवास्तव, के सहयोग ने कार्यक्रम को ऊंचाइयों प्रदान की.
देशभर के साहित्यकारों की सांस्कृतिक यात्रा में दूसरे दिन मनेंद्रगढ़ के सिद्ध बाबा पहाड़ी पर स्थित नवनिर्मित शिव मंदिर की यात्रा कराई गई एवं 28 करोड़ साल पुराने गोंडवाना मैरिन फासिल्स एवं हसदो नदी तट के मंदिरों के दर्शन के साथ-साथ अमृतधारा पर्यटन स्थल की यात्रा की गई जिसमें छत्तीसगढ़ के विद्युत सूर्य हसदो नदी के प्राकृतिक सौंदर्य ने सभी का मन मोह लिया . सांस्कृतिक यात्रा में विरेंद्र श्रीवास्तव द्वारा यह बताया गया कि अमृतधारा का यह स्थल भगवान राम के वनवास काल में 1 ऋषि के आश्रम के लिए प्रसिद्ध था जहां भगवान राम ने उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया था उपस्थित रचनाकारों के बीच आयोजित काव्य गोष्ठी मैं अपने उद्बोधन देते हुए संस्था उपाध्यक्ष श्री अरुण मेमन ने कहा कि आज सूत्र सम्मान के समापन दिवस पर मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि यह सूत्र सम्मान पूरे देश के साहित्यकारों को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रही है इसके लिए श्री विजय सिंह बधाई के पात्र हैं कार्यक्रम संयोजक श्री निरंजन मित्तल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से मनेंद्रगढ़ का संबोधन साहित्य परिवार आज बेहद प्रसन्न है और हम भविष्य के किसी भी कार्यक्रमों के राष्ट्रीय आयोजनों के लिए हमेशा तैयार रहेंगे प्राचार्य राजकुमार पांडे ने कहा कि साहित्य और शिक्षा के दो धाराओं के बीच आज के इस सफल आयोजन के लिए मैं संबोधन परिवार को अपनी बधाइयां देता हूं द्वितीय दिवस की सांस्कृतिक यात्रा के साथ सूत्र सम्मान का यह आयोजन अपनी ऊंचाइयों पर समाप्त हुआ
राजेश सिन्हा