अंडर 9 राज्य शतरंज चयन स्पर्धा में प्रांजल एवं इशिका बने राज्य के विजेता
शतरंज बौद्धिक विकास का खेल – पायल जैन
मनेंद्रगढ़।* छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के प्रचार प्रसार समिति के सदस्य संतोष कुमार जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला शतरंज संघ दुर्ग द्वारा श्री रमेश चंद्र फाउंडेशन के सहयोग से श्री जलाराम सांस्कृतिक भवन में आयोजित राज्य स्तरीय अंडर 9 बालक एवं बालिका शतरंज चयन स्पर्धा में रायगढ़ के प्रांजल विश्वाल एवं दुर्ग की इशिता मड़के ने विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया । दुर्ग के अद्वित धांडे ने बालक एवं बालिका वर्ग में बस्तर की अलंकृता मोहराना उप विजेता रही। इन विजेता एवं उपविजेता खिलाड़ियों का चयन 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक इंदौर में आयोजित अंडर 9 राष्ट्रीय शतरंज चयन स्पर्धा के लिए हुआ है। जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष ईश्वर सिंह राजपूत एवं कोषाध्यक्ष तुलसी सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि समापन समारोह के मुख्य अतिथि समाज सेविका सुश्री पायल जैन कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ श्रीमती मानसी गुलाटी एवं विशेष अतिथि के रुप में प्रदेश शतरंज संघ के कोषाध्यक्ष श्री प्रदीप दास व चीफ आर्बिटर अनीस अंसारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सुश्री पायल जैन ने शतरंज को बौद्धिक विकास का खेल बताते हुए भाग लेने वाले समस्त खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ श्रीमती मानसी गुलाटी ने भी अपने संबोधन में खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलने एवं आयोजन की सराहना की। विशेष अतिथि प्रदीप दास आयोजन के लिए जिला शतरंज संघ को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष तुलसी सोनी ने किया।
बालक वर्ग में तृतीय स्थान ऋषि अग्रवाल चतुर्थ शिल्प घोड़ेसवार पांचवा भव्यम जवाहर,छठवा रुद्रांश अमोल सातवा श्रेयांश वर्मा आठवां भवानी गुप्ता नवम राजवीर अजवानी दसवा दक्ष चौबे बालिका वर्ग में तृतीय स्थान राशि वरुड़कर, संजीवनी कुर्रे, पांचवा आश्वि अग्रवाल छठवां अनिरुद्ध अनंत सातवा साक्षी गोयनका आठवा अद्विका अद्विका पांडे नवम नियानी मध्यानी दसवा निहारा जोशी ने प्राप्त किया। स्पर्धा में राज्य भर के 81 शतरंज खिलाड़ियों ने भाग लिया था। स्पर्धा के चीफ आर्बिटर अनीस अंसारी, डिप्टी आर्बिटर मिथिलेश बंजारे, एवं राकी देवांगन तथा एस के भगत थे। स्पर्धा को सफलता पूर्वक संपन्न करवाने में मिथिलेश बंजारे, तुलसी सोनी,दिनेश जैन, मोरध्वज चन्द्राकर, राजकुमार ताम्रकार,संजय खंडेलवाल, ललित वर्मा एवं अन्य लोगो का सराहनीय योगदान रहा।
राजेश सिन्हा