प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने अपने वार्षिक समारोह में ग्रामीण अंचल से अनुसूचित जनजाति की छात्रा सुखमनिया को शतरंज खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया।
मनेंद्रगढ़। प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने अपने वार्षिक समारोह में ग्रामीण अंचल से अनुसूचित जनजाति की छात्रा सुखमनिया को शतरंज खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। शतरंज को राजा महाराजाओं का तथा बौद्धिक खेल माना जाता है परंतु मनेंद्रगढ़ जिला शतरंज संघ लगातार शतरंज के प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है जिसके माध्यम से सुदूर ग्रामीण अंचल से जो वनवासी बालक बालिकाएं अध्ययन कर रहे हैं इसी में से एक छात्रा सुखमनिया को उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए नगर की सक्रिय संस्था प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने अपने वार्षिक समारोह में सम्मानित किया निश्चित रूप से जब आप प्रतिभाओं को सम्मानित करते हैं उन्हें मंच प्रदान करते हैं उन्हें प्रतिबिंबित होने का अवसर प्रदान करते हैं तो छात्राओं का उत्साहवर्धन तो होता ही है साथ ही साथ उन्हें प्रेरणा मिलती है कि वह लगातार अपने अभ्यास के माध्यम से और अधिक मेहनत करें और इस अंचल का नाम तथा अपने विद्यालय का नाम रोशन करें विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र सिंह तथा पीटीआई सुमित जयसवाल निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं कि आपके कुशल नेतृत्व में छात्राएं न केवल शैक्षणिक वरन खेलों के विभिन्न क्षेत्रों में इस विद्यालय का नाम और इस अंचल का नाम रोशन कर रही हैं। मनेंद्रगढ़ जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार जैन ने प्रबल स्त्री फाउंडेशन के प्रति आभार व्यक्त किया और यह आशा व्यक्त की कि भविष्य में इसी प्रकार स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन तथा प्रतिबिंबित करते रहेंगे । कुमारी सुखमनिया को सम्मान प्रदान करने से पूरा शतरंज जगत अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
राजेश सिन्हा