नेशनल डिजास्टर एंड रिस्क रिडक्शन पर दो दिवसीय कार्यक्रम नई दिल्ली में संपन्न
नेशनल प्लैटफॉर्म आन डिजास्टर एण्ड रिस्क रिडक्शन पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिनांक 10 और 11 मार्च आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा इसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने किया। आपदा एवं रिस्क रिडक्शन के इस कार्यक्रम के तीसरे सत्र पर बाढ से होने वाली आपदा एवं उससे होने वाले नुकसान को कैसे न्यूनतम किया जाए। इस पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लें जनरल रविन्द्र प्रताप शाही ने कहा कि “मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के नेतृत्व में प्राधिकरण ने काफी रचनात्मक और अन्वेषी काम किया है। जिसकी चहुंओर सराहना हो रही है।”
जनरल शाही ने आगे बताया कि हमने हिमालय से निकलने वाली उन नदियों और उत्तर प्रदेश में उनके कैचमेंट एरिया का पूरा सेटेलाइट मैपिंग कराया है। और साथ ही साथ उनके प्रवाह के वेग तथा पानी के क्यूसेक का अध्ययन कराया है। साथ ही साथ ये नदियां हिमालय की पर्वत मालाओं से कितना गाद नदियों की तलहटी में ला रहा उसका भी आंकलन
किया है।
उन्होंने ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर बाढ़ की विभिषिका से जनमानस को सुरक्षित रखने के लिए पूरा मास्टर प्लान तैयार किया है। जिसमें भीषण बाढ़ के समय चारों ओर पानी से घिरे गांवों में फंसे उम्रदराज पुरुष, महिलाओं तथा 12 वर्ष के बच्चों कैसे कम से कम समय में बाहर निकाला जाए। साथ ही साथ बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर लाइफ जैकेट्स और मोटर बोट्स का इंतजाम किया गया है।
जनरल शाही ने बताया कि प्राधिकरण ने बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में लगातार कार्यशालाएं, लगातार मिडिया के सहयोग से जनमानस में अवेयरनेस पैदा करने का काम किया है।
जनरल शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बिजली से होने वाली मौतों को कम करने का काम बहुत ही तत्परता से किया है। इसके लिए हम लोगों न चुनिंदा जिलों में वार्निंग सिस्टम लगाया है, जिससे आकाशीय बिजली चमकने से पहले ही ग्रामीणों को सूचना मिल जा रही है और ग्रामीण सुरक्षित जगहों पर पनाह ले ले रहे हैं।
देश में इस तरह का यह पहला पाईलेट प्रोजेक्ट है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब सर्पदंश से होने वाली मौतों का पोस्टमार्टम नहीं होता, केवल प्रभारी चिकित्साधिकारी के प्रमाण पत्र पर 4 लाख रुपए सहायता मे दिए जा रहे, ऐसा योगी आदित्यनाथ जैसे संवेदनशील नेतृत्व कर्ता के कारण संभव हो सका है।
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रयासों को एन डी एम ए और एम एच ए ने बहुत ही सराहा है ।
संपादक- राजेश सिन्हा