पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के कोषाअध्यक्ष के द्वारा रेल कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से हुए अवगत
गोरखपुर पी आर के एस के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि हम लोगों ने ट्रैक मेनटेनरों, कांटा वाला, गेटमैनों, सफाई कर्मचारी, स्टेशन मास्टरों, वाणिज्य लिपिकों और टिकट चेकिंग स्टाफ से मुलाकात किया तथा उनकी समस्याओं को जाना ।मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यालय और जिला स्तरीय स्टेशनों की समस्याएं तो समय समय मिडिया और मजदूर संघों के जरिए प्रकाश में आती रहती है।लेकिन रोड साइड के स्टेशनों पर काम करने वाले कर्मचारियों पर मिडिया, प्रशासन और ट्रेंड यूनियन्स का फोकस कम होता है। जिससे उनके बुनियादी सवाल कार्पेट के नीचे चले जाते हैं।इसीलिए पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ ने अपने शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर रोड साइड स्टेशन की समस्याओं को बहस के केंद्र में लाने का अभियान शुरू किया है ।
मुख्यालय मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष विश्व प्रकाश मिश्र ने कहा कि रोड साइड स्टेशन पर काम करने वाली तमाम कोटि के कर्मचारियों को 12-12 घंटे के रोस्टर में काम करना पड़ रहा है। जबकि काम का बोझ और गाड़ियों का घनत्व बढ़ गया है।जिसको लेकर कर्मचारी तनाव में रह रहे हैं।12 घंटे का रोस्टर आवर्स आफ इंम्पलाइमेंट नियमों का उल्लंघन है ।पी आर के एस काम के घंटे आठ के नियम को लागू कराने के लिए कृत संकल्पित है ।हम मजदूरों के शोषण को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे ।मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि रोड साइड के स्टेशनों पर स्थित रेलवे के आवास रख रखाव के अभाव में जर्जर हो रहे हैं। जिसके चलते उसमें रहने वाले कर्मचारियों को नरकिय जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।इस बात को पी आर के एस बडा मुद्दा बनाएगी और आवासों सेनिटेशन और सड़कों को ठीक करने के लिए मंडल रेल प्रबंधक, प्रमुख मुख्य अभियंता तथा महाप्रबंधक का घेराव,धरना और प्रदर्शन करेगी ।मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम रेल प्रशासन से मांग करेंगे कि रोड साइड के हर स्टेशन पर खान पान का एक विभागीय स्टाल संचालित करे, जिससे वहां काम करने वाले कर्मचारियों को शुद्ध खान पान सामग्री मिल सके और उन्हें इसके लिए बाहर बाजार में न जाना पड़े ।उन्होंने कहा कि आनंद नगर, सिद्धार्थनगर, बढ़नी और बलराम पुर में हेल्थ सेंटर को सुदृढ़ करने की मांग किया जिससे कर्मचारियों को बीमर पड़ने पर समय से उपचार उपलब्ध हो सके ।
मनोज कुमार द्विवेदी ने ओल्ड पेंशन पर कार्मिक, प्रशिक्षण एवं पेंशन विभाग की नई अधिसूचना से रूबरू कराया और बताया कि यह फैसला एन एफ आई आर के महामंत्री डा एम राघवैया जी के संघर्षों का परिणाम है।लेकिन यह लड़ाई अभी अधूरी है। पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लिए हम सभी को अपना सर्वस्व झोंकना पड़ेगा।इसके लिए तैयार करने के लिए ही हम लोग आपके बीच आए हैं ।आप हमें अपना सहयोग और समर्थन दें।जिससे संघर्ष को और तेज किया जा सके ।प्रतिनिधिमंडल में ओ पी सिंह, बिक्रम प्रसाद, सुग्रीव, मोनू पाठक सहित स्थानीय स्टेशनों के कर्मचारी शामिल थे ।
संपादक-राजेश सिन्हा