ग्रामीणों को नहीं मिला वनाधिकार पट्टा,कलेक्टर से मिले पूर्व जिपं सदस्य
शीघ्र निराकरण करे प्रशासन-देवेन्द्र तिवारी
बैकुंठपुर – बचरापोंडी के ग्राम सागरपुर एवं गंगापुर में कुछ दिनों पहले पूर्व जिपं सदस्य एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लिया।
श्री तिवारी के सागरपुर पहुँचने पर ग्रामीणों ने शिकायत की कि कई वर्षों से उन्होंने वनाधिकार पट्टा हेतु आवेदन दे रखा है किंतु आज तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।परंपरागत रूपसे कई पीढ़ियों से निवास करने वाले ग्रामीण और उनका परिवार जो पिछड़ा वर्ग, अजजा, अजा एवं अन्य वर्गों से हैं,, उनके पात्रता अनुसार वनाधिकार हेतु दिए गए आवेदन को अनसुना कर दिया गया है। श्री तिवारी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर इसके निराकरण का प्रयास किया गया किंतु समाधान नहीं होने पर आज कलेक्टर कोरिया श्री विनय लंगेह से उनके कार्यालय में भेंट कर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया गया है, उनसे आग्रह किया गया है कि बचरापोंडी के इन ग्रामों के साथ साथ ऐसे सभी प्रकरणों की समीक्षा कर ग्रामीणों को शीघ्र वनाधिकार पट्टा वितरित किया जाए।
कलेक्टर कोरिया ने श्री तिवारी को आश्वासन दिया है कि प्रकरण में त्वरित जांच कर ग्रामीणों को वनाधिकार पट्टा प्रदान किया जाएगा।
कांग्रेस को जनता की फिक्र नहीं
पूर्व जिपं सदस्य श्री तिवारी ने ने प्रेस में बयान जारी कर कांग्रेस के नेताओं व उनके सभी जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है कि स्थानीय विधायक सहित किसी भी नेता को जनता की चिंता नहीं है।लोग सिर्फ सरकार की योजना के झूठे प्रचार में लगकर अपनी वाहवाही लूट रहे हैं।
गौठानों का बुरा हाल-तेंदूपत्ता संग्राहकों से छीना उनका हक
– पूर्व जिपं सदस्य देवेन्द्र तिवारी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गौठानों में जमकर भ्रष्टाचार किया है।ग्राम पंचायतों के सरपंचों को विकास कार्य।करने से वंचित किया है।केंद्र सरकार के राशि का गलत उपयोग किया है। ग्राम पंचायतें ग्रामीणों को रोजगार नहीं दे पा रही हैं।सरपंच कार्यों के भुगतान न होने से भी परेशान हैं। महिला स्वसहायता समूह को कार्यों का भुगतान नहीं किया गया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को भाजपा सरकार में दी जाने वाली सभी सुविधाएं बन्द कर दी गयी हैं। संग्राहकों से सीमित अवधि के लिए ही तेंदूपत्ता लेकर,शीघ्र खरीदी बन्द कर उनके साथ छल किया जा रहा है।