आईजीएल के बिजनेस हेड एवं यूपीडिये के अध्यक्ष एस के शुक्ल ,उपाध्यक्ष मनीष तथा यूपीडिये के जनरल सेक्रटरी रजनीश अग्रवाल की सयुंक्त अध्यक्षता में दो दिवसीय अंतरास्ट्रीय संगोष्ठी का 28-29 जुलाई को किया जाएगा आयोजन
गोरखपुर भारत का उत्तर प्रदेश राज्य 16 प्रतिशत उपभोकता के साथ आज गन्ना, गेहू ,शराब और इथेनॉल के उच्चतम उत्पादन के साथ सबसे बड़ा एवं आर्थिक रूप से समृद्ध राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके साथ ही विश्व के मानचित्र पर इसे ‘राष्ट्र के अन्न भंडार और असीमित अवसरों की भूमि’ के रूप में भी जाना जाता है। प्रदेश में मौजूद एल्को-बेव और इथेनॉल उद्योग राजस्व वृद्धि में उगते सूर्य की भाती अपनी चमक बिखेर रहे है।वर्तमान में प्रदेश में कुल 30 अनाज आधारित आसवनियो के साथ 100 से अधिक डिस्टलरिया भी मौजूद है और ये सभी इस वित्त वर्ष में पूर्ण क्षमता से संचालित है। इनकी उत्पादन क्षमता -तकरीबन 350 करोड़ बल्क लीटर प्रतिदिन है और 45 बिलियन यूनिट पैक की वार्षिक पीने योग्य मात्रा – 11.93% का उच्चतम इथेनॉल सम्मिश्रण के साथ बाजार में उपलब्ध है। पिछले सात वर्षो में इन औद्योगिक इकाइयों ने अविश्वसनीय उपलब्धियां के साथ कई नए कीर्तिमान स्थापित किये है। इनके रिकॉर्ड उत्पादन से राज्य के राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह वृद्धि तक़रीबन तीन गुना से अधिक हुयी है या ये कहे की तक़रीबन 14300 करोड़ का राजस्व इन औद्योगिक इकाइयों से प्राप्त हुवा है l प्रदेश के अंदर 2017 मे सरकार गठन के बाद यूपीडिये यूपी डिस्टिलर्स एसोसिएशन (यूपीडीए) के अध्यक्ष एस के शुक्ल जनरल सेक्रेटरी रजनीश जी एवं सभी सदस्यों ने मिलकर उद्योग निति तथा सरकार के लक्ष्य को सारगर्भित करने के उद्देश्य से कार्य किया और परिणाम स्वरूप अब तक रु 41000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुवा और 2023 में अनुमानित है की यह अपने सभी मानकों को तोड़ देगा। इस क्रांतिकारी वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में ब्रांडेड देशी शराब का लगभग 90% योगदान रहा है।1983 में उत्तर प्रदेश डिस्टिलर्स एसोसिएशन (यूपीडीए) डिस्टिलरी उद्योग का गठन किया गया और स्थापना के बाद से ही यह एसोसिएशन डिस्टिलरी उद्योग का गौरव रहा है। राज्य और केंद्रीय स्तर के नीति निर्माताओं और नियामकों के साथ सकारात्मक भूमिका के माध्यम से अपने सदस्यों और सरकारी अधिकारियों के बीच इंटरफेस के रूप में सक्रिय रूप से सेवाएं प्रदान करने के चार दशकों की उत्कृष्टता को चिह्नित करते हुए 2023 में महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करेगा। डिस्टिलरी उद्योग को बदलने, तथा नए क्षितिज मानकों को स्थापित करने, के साथ अद्वितीय विरासत बनाने तथा भविष्य के लिए अद्वितीय मंच तैयार करने की दिशा में यूपीडीए की असाधारण यात्रा जहां उत्कृष्टता के नए आयामों को स्थापित करेगा। उत्तर प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर इथेनॉल व देशी मदिरा उत्पादन करने में गर्व की अनुभूति होती है क्युकी इससे अर्जित राजस्व से प्रदेश की तस्वीर बदल रही है और रोजगार के नए अवसर उत्प्पन हो रहे है। इसके साथ ही सीधा फायदा प्रदेश के किसानो को मिल रहा है और बहुत जल्द यूपीडिये सरकार के महत्वाकांक्षी इथेनॉल सम्मिश्रण परियोजना को मूर्त रूप देने और लक्ष्य को गति देने हेतु मक्का के उपत्पादन को बढ़ावा देगा। निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति एवं प्रदेश की नीतियों को वैश्विक स्तर पर पहुंचने हेतु यूपीडिये द्वारा 28-29 जुलाई को होटल सेंट्रम में अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमे देश विदेश से सबंधित लोगो की स्वीकृति आ चुकी है और इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से यूपीडिये द्वारा किये जा रहे समस्त कार्यो तथा सरकार की नीतियों को भी जन जन तक पहुंचाया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रमुख रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और ब्राजील जैसे देश द्विपक्षीय व्यापार संभावनाओं की तलाश एवं नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियी तकनीकियों के बारीकियों के साथ साथ -इस दो दिवसीय वैश्विक समारोह में शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहले दिन राज्य और उद्योग की परिवर्तनकारी सफलता यात्रा पर विस्तृत रिपोर्ट” जारी की जाएगी यह रिपोर्ट राज्य के वरिष्ठ अधिकारियो तथा प्रमुख अतिथियों के गरिममयी उपस्थिति में किया जायेगा। उपरोक्त जानकारी यूपीडिये के जनरल सेक्रेटरी और सभी सदस्यों द्वारा दी गयी तथा अध्यक्ष एस.के.शुक्ला ने उपरोक्त लक्ष्य को पूरा करने हेतु सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने प्रेस को सारी जानकारी दिया तथा यूपीडिये के इस सम्मेलन में सभी मीडिया बंधुओं को सादर आमंत्रित किया इसके साथ ही मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया।