एक अविस्मरणीय दिन कोरिया साहित्य महोत्सव का आयोजन
कोरिया // 14 सितंबर हिंदी दिवस भारतीय संविधान के उस दिन की याद दिलाता है जब पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने के लिए हिंदी को राजभाषा स्वीकार किया गया राजभाषा हिंदी को भारत सहित विश्व के अन्य देशों में भी फैलाने की यह कोशिश आज निरंतर जारी है इसके प्रचार प्रसार के लिए औद्योगिक संस्थानों एवं शासकीय अशासकीय संस्थाओं द्वाराइसे हिंदी पखवाड़े के रूप में मनाया जाने लगा.
ऐसी ही एक सफल कोशिश नर्मदा नदी के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में बसे छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर के जिला पंचायत ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक संस्था अभिव्यक्ति द्वारा “कोरिया साहित्य महोत्सव” का आयोजन दिनांक 16 एवं 17 सितंबर को किया गया. टीम अभिव्यक्ति के प्रमुख संयोजक रुद्र नारायण मिश्रा, योगेश गुप्ता एवं समवर्त कुमार रूप द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम कीगूंज पूरे अंचल में सुनाई पड़ी.
प्रथम दिवस के आयोजन में रायपुर से पधारे सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी माननीय संजय अलंग के मुख्य अतिथि में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. जिसमें संजय अलंग ने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक उद्धव को कोसल राजवंश से लेकर वर्तमान छत्तीसगढ़ के निर्माण तक की गाथा को एक किस्सागोई अंदाज में प्रस्तुत करते हुए अपने शोध पुस्तक “छत्तीसगढ़ इतिहास और संस्कृति” की सार्थक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम को उंचाईयो पर पहुंचा दिया.
कार्यक्रम के दूसरे दिन वरिष्ठ साहित्यकार एवं जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. आशुतोष चतुर्वेदी के मुख्य आतिथ्य एवं बीरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ सपन सिन्हा, प्रोफेसर बृजलाल साहू और श्रीमती संध्या रामावत के विशिष्ट आतिथ्य में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. जिसमें मंचासीन अतिथियों द्वारा संवर्त कुमार रूप का काव्य संग्रह “रुपहला” का विमोचन किया गया. इसी कड़ी में गायक कलाकार आयुष नामदेव का “भक्ति एल्बम” भी जारी किया गया .
इस दिवस के कार्यक्रम में ओपन माइक में नए कलाकारों को स्थान दिया गया. अंचल के वरिष्ठ रचनाकारों के गीतों एवं कविताओं की प्रस्तुति के बीच वरिष्ठ रचनाकार वीरेंद्र श्रीवास्तव एवं डॉ आशुतोष चतुर्वेदी की कविताओं ने पूरे मंच को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. रचनाकारों एवं कलाकारों के प्रस्तुति और गरिमामय उपस्थिति ने आगामी समारोह के आयोजन की ऊंचाइयों का आभास कराया. ऐसे आयोजनों का रचना धर्मियों को भविष्य में भी इंतजार रहेगा.