यूँ हीं नहीं केहलाते रूप “भगवान” का ये “माँ बाप”
लेखिका -पूजा खरे
जो हम बच्चों को खुद भी नहीं पता होता अपने बारे में ,वो सब पता होता है हमारे माँ बाप को, हमारे बिना कुछ कहे ही समझ जाते हैं,ये हमारे एहसास को एहसास कर जाते हैं, पैदा हुए बच्चे के अन कहे शब्दों को भी समझ जाते हैं ये माँ बाप, इस लिए तो कहते हैं,यूँ ही नहीं केह लाते रूप भगवान का ये माँ बाप,कब लगी हमें ठंड कब लगी गर्मी, हमसे पहले ही महसूस कर लेते हैं ये हमारे “माँ बाप”
हमारे आड़े तेड़े शब्दों को भी तरंत समझ लेना होता है आसान हमारे माँ बाप को, सहके खुद दर्द दूर करते हैं हमारे दर्द को, बिना बोले हर इक्षा पूरी कर देते हैं ये हमारे माँ बाप, खुद से ज्यादा फिक्र करते हैं ये अपने बच्चो की,इस लिए तो यूँही नही केह लाते रूप भगवान का ये माँ बाप!