
आखिर सवर्ण समाज को एवं वास्तविक वंचितों, शोषितों को कब समानता का अधिकार मिलेगा – डॉ. शिवशरण श्रीवास्तव (अमल)
देश को आजाद करवाने मे मंगल पांडे से लेकर पंडित मदन मोहन मालवीय तक, सुभाष चंद्र बोस से लेकर बाल_पाल_लाल तक सवर्ण समाज के क्रांतिकारियों, बलिदानियों के योगदान से पूरा इतिहास भरा पड़ा है, लेकिन आजादी के बाद से वोट बैंक की कुटिल नीति के चलते धर्म निरपेक्षता की आड़ मे मुस्लिम समुदाय का एवं सामाजिक समरसता के नाम से समाज को दलित,पिछड़े और अगड़े वर्ग मे बाटकर समुदाय विशेष के तुष्टिकरण की प्रक्रिया आज तक बदस्तूर जारी है, ऐसे मे सवर्ण समाज पूरी तरह से दोयम दर्जे के नागरिक के रूप में जीवन यापन करने को मजबूर है।
(यद्यपि जातिगत आरक्षण के कारण कुछ गिने_चुने लोग और उनके रिश्तेदार तथा परिवार के लोग ही पीढ़ी दर पीढ़ी लाभ उठा रहे हैं। वास्तविक वंचित, शोषित, पीड़ित तो आज भी रोज कमाना रोज पकाना की स्थित मे ही जी रहे हैं। कुछ चतुर चालाक लोग चुनाव के समय उन्हें सब्ज_बाग दिखाकर वोट लेने और ताली बजवाने का ही काम करते हैं, परंतु सभी राजनीतिक दल इसका समर्थन करते हैं और हर दस साल मै इसे आगे बढ़ाते जा रहे हैं)
सामाजिक समरसता के नाम से, सवर्णों को छोड़कर SC/ST/OBC /अल्पसंख्यक सभी को संविधान में आरक्षण के बहाने विशेष सुविधाएं प्राप्त हैं ।
वे हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के झाँसे में नहीं आते,इसलिए भारतीय राजनीति में संवैधानिक रूप से सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं।अपने समुदाय के फायदे के लिये, मनचाहा कानून बनवा रहे हैं, संविधान में संशोधन करवा लें रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण, न्यूनतम शुल्क, निःशुल्क आवास व प्रशिक्षण(IAS, IPS PCS यादि के लिए निःशुल्क कोचिंग)
,आवश्यक पात्रता न होते हुए भी, आयु सीमा में छूट, नौकरियों में आरक्षण, प्रमोशन में भी आरक्षण,
ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलवाना,
SC/ST एक्ट पर कड़े कानून बनवा लेना आदि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
(उनके नेतागण सार्वजनिक रूप से राम/कृष्ण/हनुमान आदि को गालियाँ दे सकते हैं, उनके चित्रों को चप्पलों से पीट सकते हैं,पर यदि आपने उनके इस युग के भगवान श्री बी आर अम्बेडकर जी के शान में गुस्ताखी की, सोशल मीडिया में भी कुछ पोस्ट कर दिया तो गैर जमानती धाराओं में आप जेल में बंद कर दिए जाएंगे।)
इस देश के कानून में SC/ST वर्ग का हर स्त्री/पुरुष/बच्चा कानूनी तौर पर भगवान है। उसने किसी भी बुजुर्ग से बुजुर्ग, सम्मानित सवर्ण या ओबीसी पर झूठा आरोप लगा दिया कि उसने उसका जाति सूचक अपमान किया है तो वह सवर्ण /ओबीसी जेल के अंदर होगा। इस तरह के कानूनों के कारण एक तरफ तो कुछ चतुर_चालाक लोग बदले की भावना से या सरकार से मुआवजा प्राप्त के लिए इसका बड़ी मात्रा में दुरुपयोग कर रहे हैं, (पिछले कुछ वर्षों के न्यायालीन
फैसलों को देखने से यह स्पष्ठ है
कि, sc,st एक्ट के लगभग 85%मुकदमे झूठे होते हैं,)वहीं दूसरी तरफ समाज में दशकों से चली आ रही भाई _चारे की स्वस्थ परंपरा मे दरार बढ़ती जा रही है।
वोट बैंक की कुटिल चाल के लिए तुष्टीकरण की नीति ने सवर्ण समाज से उच्च शिक्षा, नौकरियां, पदोन्नति, सरकारी ठेकेदारी, मुखिया, सरपँच, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति इत्यादि के अधिकांश पद, घोषित/अघोषित आरक्षण के कारण छीन लिए गए हैं।
आप अपने देवी देवताओं का खुला अपमान सहते रहिये !
आपको ,आपके बच्चों के भविष्य को कानूनी तौर पर अंधकारमय बनाया जाता रहे, और आप उन राजनेताओं के तलवे चाटते रहिये !
यदि आपने जरा भी अपनी पीड़ा का इजहार किया , तो आप देशद्रोही, धर्म द्रोही, हिंदुत्व द्रोही घोषित कर दिए जाएंगे।
आज सवर्ण समाज को ऐसे किसी भी झांसे मे न आते हुए, अपने समाज के हित एवम देश की एकता और अखंडता के लिए कमर कसते हुए उठ कर खड़े होने की महती आवश्यकता है,
राष्ट्रकवि ,मैथिलीशरण गुप्त जी ने कहा था कि
जिसको न निज गौरव
तथा निज धर्म का अभिमान है,
वह नर नहीं, नरपशु निरा,
और मृतक समान है।
अब सवर्ण समाज को अपने दोयम दर्जे की नागरिकता पर आवाज बुलंद करने की जरूरत है। इस मुहिम में असली वंचित, शोषित, पीड़ित दलित वर्ग के लोगों को भी जोड़ना है, जो पिछले सत्तर सालों से अपने समाज के चतुर_चालाक नेताओं के द्वारा छले जा रहे हैं।
यद्यपि कुछ तथा कथित चाटुकार लोगों द्वारा अपने अधिकार की आवाज उठाने पर आसानी से उसे राष्ट्र द्रोही, हिंदुत्व द्रोही बना दिया जाने का प्रयास किया जायेगा, परंतु सवर्ण समाज को समानता के अधिकार के लिए राजनीतिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों मे संगठित होकर प्रयास करना ही पड़ेगा।