बच्चे ही भविष्य शिक्षा के साथ संस्कृति और संस्कारों से परिपूर्ण बनाना होगा
मनेन्द्रगढ़/ (एमसीबी) बच्चे ही भविष्य के वैज्ञानिक, डाक्टर, इंजीनियर, कवि, चित्रकार और भी बहुत कुछ हैं साथ ही वे देश के नागरिक भी हैं इसलिए हमें बच्चों की शिक्षा के साथ साथ उन्हें संस्कृति और संस्कारों से परिपूर्ण बनाना होगा
चेतना महिला संगठन की अध्यक्ष अनामिका चक्रवर्ती ने चेतना महिला संगठन द्वारा आयोजित बाल दिवस पर अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि आज बच्चे मोबाइल, टीवी के आदी हो रहे हैं जिससे उनके खेलकूद,दौड़ आदि लगभग बंद हो गई है जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है हमें प्रयास करना होगा कि बच्चे खेल कूद आदि में भी भाग लें ताकि उनका शारीरक विकास भी अच्छी तरह हो
ध्यातव्य है कि चेतना महिला संगठन ने हमेशा की तरह अपने अनूठे अंदाज में बाल दिवस मनाया जिसमें शासकीय और निजी विद्यालयों के बच्चे तो थे ही साथ में सब्जी बेचने वालों, रिक्शा, ठेला, आटो चलाने वालों के बच्चों के साथ साथ घरेलू कामवालियों के बच्चे भी शामिल थे जिन्होंने बहुत उत्साह से इस आयोजन में भाग लिया।
इस आयोजन में गीत, नृत्य, जलेबी दौड़,मेढक दौड़, कुर्सी दौड़,आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई थी और विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर अनीता अल्पना तूलिका रानी कौशल्या वीरांगना श्रीवास्तव जया पूजा उषा संजू प्रिया सुशीला दुर्गा इरा सेन प्रतिमा राय लक्ष्मी चक्रवर्ती नीलम सोनी गुड़िया कमला रत्ना भावना प्रियंका स्मिता सीता धनमत भगवती नैना यादव संगीता सुषमा मंजू सविता रमा संतोषी संगीता उपस्थित रहीं।
राजेश सिन्हा