
किसानों को दी जा रही दो दिवसीय प्रशिक्षण
गोरखपुर जनपद के दक्षिणांचल में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र बेलीपार में किसानों को जागरूक करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे केंद्र के वैज्ञानिक और अपराजिता के सहयोग से किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के बाद कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर्स वैज्ञानिकों का पुष्पगुच्छ और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इसके बाद इस पर प्रकाश डालते हुए पांडे ने बताया कि अभय पांडेय ने कहा कि अपराजिता सामाजिक समिति जो समाज के गरीब कमजोर समुदाय एवं महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु बनाए गए हैं। इस संस्था में महिलाओं, कमजोर एवं वंचित वर्ग के प्रति होने वाली असमानता उनके प्रति होने वाली हिंसा उनमें व्याप्त शिक्षा खराब स्वास्थ्य तथा उनकी आजीविका को मजबूत करके उन्हें परिवार एवं समाज में सम्मानजनक स्थिति दिलाने हेतु संस्था महिलाओं के अधिकारों और उनके लिए जागरूकता पैदा करने की कोशिश करती है इसके बाद संस्था के सचिव किरण वैश्य ने अपराजिता सामाजिक समिति संस्था को बताया कि यह हमारी संस्था मऊ से शुरू होकर के आज उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में फैजाबाद गोरखपुर मऊ उन्नाव और बहराइच के 9 ब्लॉक के 81 ग्राम पंचायत 400 गांव में कार्य कर रही है जबकि कैसरगंज के ग्राम पंचायत में अपराजिता समिति ने 39 ग्राम पंचायत में संगठन करके बच्चों को सीखने की विधि स्कूल में सुनिश्चित करना और समुदाय को सरकारी योजना तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।
आगे किरण वैश्य ने बताया कि स्वास्थ्य, कृषि पर हमारी संस्था कार्य कर रही है। जिसमें आज कृषि विज्ञान केन्द्र बेलीपार पर किसानों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण से हम यहां पर उत्तम गुणवत्ता बीज उत्पादन किसानों को जागरूक करने का कार्य करेंगे। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को एक प्रशिक्षण दिया गया कि आप अपने बीज का उत्पादन किस तरह से करें कि आपकी आमदनी दोगुनी हो सके और खेती की लागत को कम किया जा सके। कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डा नरेंद्र तोमर ने अपने संबोधन में बताया कि किसान अपनी आय को कैसे बढ़ाएं ये एक गंभीर समस्या है। इसके लिए किसान को चाहिए कि वो हर फसल नए बीजों का प्रयोग करे और कोशिश करे की बीज को खुद विकसित करे। इससे खेती पर लागत भी कम आयेगी और आमदनी भी बढ़ेगी। किसान अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराकर अपने बीज को प्रमाणित करा सकते हैं। इससे जहां पहले किसान को अपने फसल का बहुत ही कम फायदा होता था। वही अब बीज उत्पादन से अधिक फायदा हो रहा है। उन्नत बीज से फसल की उत्तम उपज पाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। अच्छी गुणवत्ता के बीजों के लिए अच्छे बीजों का उपयोग करना चाहिए जिससे हमारी फसल का उत्पादन 5 से 20 परसेंट तक बढ़ जाती है। जिसमें हम बीजों को हाथ से भी छटाई करके अलग कर सकते हैं या यूरिया का उपयोग करके भी अच्छी गुणवत्ता के बीज को अलग कर सकते हैं। इसके लिए बीजों की सफाई के लिए 1 किलो नमक को 10 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और इसमें एक अंडा या आलू डालें उसके ऊपर आने का इंतजार करें अंडे या आलू के ऊपर आना घोल तैयार होने का संकेत होता है।
अब इस घोल में सभी बीजों को इसमें डालें और अच्छे से ही हिलाए। ऐसा करने से खराब और मरे हुए बीज ऊपर आ जाएंगे और अच्छे बीज नीचे नीचे बैठ जाएंगे खराब बीजों को निकाल कर बाहर फेंक दें। और नीचे बैठे हुए बीज को निकालकर साफ पानी में दो से तीन बार अच्छे से साफ करके उन सब बीजों को सुखा ले फिर उनका प्रयोग करें। ऐसा करने से पौधे स्वस्थ और मजबूत होंगे। इससे उनमें रोग लगने की संभावना कम रहती है। किरन वैश्य मुख्य कार्यकारी अपराजिता सामाजिक समिति, अभय पांडेय मैनेजर अपराजिता, डा स्वाति नायक इरी, एसके मोसर्रफ हुसैन, सर्वेश शुक्ला, डा एसके सिंह तोमर वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार, डा एसके सिंह वैज्ञानिक, डा एसपी सिंह, डा एसपी शाही, अरुण कुमार रावत निदेशक राप्ती फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, दयानन्द, अरुण कुमार त्रिपाठी एसएचडीए, शनि विश्वकर्मा लार्ड बुद्धा वेजी फार्मर कंपनी, प्रमोद त्रिपाठी समाजसेवी, चंद्रप्रकाश कार्यकर्ता अपराजिता और कुल 85 किसान जिसमे 70 महिलाएं मौजूद रही।
राजेश सिन्हा