महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र में रसायनों के सही उपयोग पर गोष्ठी आयोजित
गोरखपुर महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, चौकमाफी, गोरखपुर में हिंदुस्तान उर्वरक लिमिटेड तथा आरदिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान रसायन संवर्धन एवं विकास योजना के अंतर्गत “रसायन एवं कीटनाशकों के सुरक्षित एवम विवेकपूर्ण उपयोग” विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि शशांक चतुर्वेदी, डायरेक्टर ऐचआई एल, प्रमोद सैनी स्वतंत्र डायरेक्टर ऐचआई एल तथा डॉ विवेक प्रताप सिंह अध्यक्ष महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में शशांक चतुर्वेदी, डायरेक्टर ऐचआई एल ने कंपनी के स्थापना एवम उद्देश्य के बारे में बताया। प्रमोद सैनी स्वतंत्र डायरेक्टर ऐचआई एल ने बताया कि जैविक खेती की शुरुआत करते हुए किसान बंधु अपने उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं तथा अपने उत्पादों की सही मंडी मार्केट भी देख सकते हैं। राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं योजनाओं एवं उन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी कृषक बंधुओं को प्रोत्साहित किया। डॉ संदीप प्रकाश उपाध्याय ने ट्राइकोडरमा तथा जैव उर्वरक द्वारा मृदा उपचार कर फसलों में की बिजाई व पौध की रोपाई के लिए जोर दिया। इससे मृदा जनक रोग में कमी होती है साथ ही पोषक तत्वों की दक्षता में भी बढ़ोतरी होती है। डॉ विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व उपस्थित होते हैं अतः 10 लीटर गोमूत्र में 1 किग्रा नीम के पत्ते को तांबे के बर्तन में रखकर 15 दिन बाद उबालें और जब आधा रह जाए तब 1 लीटर प्रति 100 लीटर पानी में घोलकर उपयोग करें अथवा 200 मिलीलीटर गोमूत्र 15 लीटर पानी में बुवाई के 15 दिन बाद छिड़काव कर सकते हैं। डॉ अजीत कुमार श्रीवास्तव द्वारा पुष्पावस्था व फल देने की अवस्था में नीम तेल के छिड़काव करने पर जोर दिया जिससे कीट का प्रकोप से रोकथाम में सहायता मिलती है इसके लिए उन्होंने कुछ जैविक उत्पाद स्वयं बनाने पर जोर दिया जिसमे मुख्य रूप से गोमूत्र एवं नीम की पत्ती के प्रयोग पर जोर दिया । एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन विभाग से डॉ बसावकर ने बताया कि 10 से 12 किलोग्राम नीम की पत्ती 200 लीटर पानी में 4 दिन तक घोलने के पश्चात प्राप्त घोल का छिड़काव फसल में किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसान से परिचर्चा में किसानों के प्रक्षेत्रों में इस समय चल रहे फसलों की खेती संबंधित सलाह दी गई जिसमें प्रमुख रूप से कीट व रोग प्रबंधन संबंधित सलाह किसान बंधुओं को दी गई। इस अवसर पर आरदिया फाउंडेशन ग्रीन टीवी अंशु कुमार, सचिन त्रिपाठी एवम प्रगतिशील कृषक गिरिजा यादव, महेश, लाला प्रसाद यादव सहित 200 से अधिक कृषक बंधु उपस्थित रहे ।
संपादक- राजेश सिन्हा