नहीं रहीं शांति तिवारी, नम आंखों से दी गयी विदाई
बैकुंठपुर से की थी स्कूली पढ़ाई, रायपुर से पीजी
बैकुंठपुर – कोरिया जिले की कर्मभूमि में अपने कार्यों से पहचान स्थापित करने वालीं सोनहत की घुघरा निवासी शांति तिवारी का ब्रेन हेमरेज से गत दिवस दुखद निधन हो गया। इससे पहले अपने हौसले के दम उन्होंने कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी पर विजय हासिल कर ली थी किंतु इस बार वो जिंदगी की जंग हार गई। 73 वर्षीय श्रीमती शांति तिवारी ने बैकुंठपुर गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से प्रथम श्रेणी में 11 वीं की परीक्षा उत्त्तीर्ण की थीं।उन्होंने रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। बिलासपुर से उन्होंने शिक्षा स्नातक किया था। वनांचल इलाकों में शिक्षक की भूमिका में कार्य करते हुए प्रधानपाठक के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं।इस बीच श्रीमती तिवारी लगातार धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न रहीं। शांति तिवारी के पिता स्व त्रिपुरारी पांडेय जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं।पति स्व शिवराज सिंह तिवारी ने हर कदम पर उनका सहयोग किया।
श्रीमती शांति तिवारी ने अपने जीवन काल में कई धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में सक्रिय रहीं।वो एक प्रगतिवादी विचारों की महिला होने के कारण नारी उत्थान के प्रयासों में सदैव लगी रहती थीं। हाल में ही उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सेवानिवृत्त महिला कर्मचारियों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया था। श्रीमती तिवारी का पूरा परिवार समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका के साथ आगे बढ़ रहा है। आज शांति तिवारी के निधन से कोरिया जिले में शोक व्याप्त है। एक मजबूत विचारों और साहस से भरे व्यक्तित्व का समाज से विदा होना बेहद दुखद है।
राजेश सिन्हा 8319654988