
सिंचाई विभाग में सूचना का अधिकार अधिनियम बना मजाक अधिकारियों का तर्क – “कर्मचारी नहीं है, जवाब नहीं देंगे”
मनेंद्रगढ़ (एमसीबी)।सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का उद्देश्य आम लोगों को आसानी से जानकारी उपलब्ध कराना, सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखना और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना था। लेकिन मनेंद्रगढ़ जिले के सिंचाई विभाग में इस अधिनियम को मजाक बना दिया गया है।
सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एन.सी. सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि “कार्यालय में कर्मचारियों की कमी है, इसलिए सूचना का जवाब नहीं देंगे।” विभागीय अधिकारी का यह बयान आरटीआई कानून की मूल भावना पर ही सवाल खड़े करता है।स्थिति यह है कि कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का बोर्ड तक प्रदर्शित नहीं है। ऐसे में आम लोगों को यह जानकारी ही नहीं मिल पाती कि जनसूचना अधिकारी या प्रथम अपीलीय अधिकारी कौन हैं।
जनहित से जुड़ी जानकारी देने से विभाग का इस तरह किनारा करना न केवल कानून की अवहेलना है बल्कि पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।
जानकारो का कहना है कि शासन-प्रशासन को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए विभागीय लापरवाही पर कार्रवाई करनी चाहिए।