
संबोधन संस्थान के साहित्यकार बीरेन्द्र श्रीवास्तव मानसेवी डॉक्टरेट अवार्ड से सम्मानित
मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ की पांच दशक पुरानी प्रतिष्ठित संस्था संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार बीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को उनके आंचलिक पर्यावरण और साहित्य क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्य सेवा अवॉर्ड काउंसिल, नई दिल्ली द्वारा “मानसेवी साहित्य डॉक्टरेट अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान कांस्टीट्यूशनल क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के सेमिनार हॉल में आयोजित विशेष समारोह में प्रदान किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष अनिल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि साहित्य सेवा अवॉर्ड काउंसिल भारत सरकार द्वारा अनुमोदित संस्था है, जो देशभर में साहित्य, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित करती है। उन्होंने कहा कि संबोधन संस्थान सदैव रचनात्मक प्रतिभाओं को मंच तक पहुंचाने और उनका मनोबल बढ़ाने का कार्य करता रहा है।
बीरेन्द्र श्रीवास्तव की अब तक प्रकाशित प्रमुख पुस्तकों में बरगद की चिंता (1996), आज का एकलव्य (2019) और हाल ही में विश्व पुस्तक मेला 2025 में लोकार्पित “बीरेन्द्र श्रीवास्तव चुनी हुई कविताएं” शामिल हैं। उनकी पुस्तक आज का एकलव्य प्रधानमंत्री की निजी पुस्तकालय में भी शामिल है।
साहित्य के साथ-साथ पर्यावरण और पर्यटन पर उनकी लेखनी ने उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाई है। उनकी आगामी पुस्तक “छत्तीसगढ़ के अनजाने पर्यटन स्थल” अक्टूबर माह में प्रकाशित होने जा रही है, जिसमें सरगुजा संभाग के कई अज्ञात स्थलों का विस्तृत विवरण होगा।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 2024 में उन्हें अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित कोरिया साहित्य महोत्सव में “वागीश सम्मान 2024” से भी नवाजा गया था।
अंचल के साहित्य जगत में बीरेन्द्र श्रीवास्तव की यह उपलब्धि न केवल गौरव का विषय है बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
राजेश सिन्हा 8319654988