सरकार बदलते ही उपेक्षा का शिकार हुए गौठान – लाखों की सार्वजनिक राशि बर्बाद
एमसीबी – कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़भर में बड़ी संख्या में गौठानों का निर्माण कराया गया था, जिसके लिए लाखों रुपए खर्च किए गए। उद्देश्य था ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना, पशुधन संरक्षण और ग्रामीण रोजगार सृजन। लेकिन सरकार बदलते ही इन गौठानों की स्थिति बदहाल हो गई है।
मौजूदा हालात यह हैं कि कई गौठान बिना रख-रखाव के खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कई स्थानों पर दरवाजे, खिड़कियां, लोहे की सीटें तक चोरी हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बने ये ढांचे अब अवैध गतिविधियों का अड्डा बनते जा रहे हैं, जो चिंताजनक है।
मुख्य सवाल उठता है:
जनता के टैक्स के करोड़ों रुपए अगर इन गौठानों पर खर्च हुए थे, तो क्या उनकी बर्बादी पर कोई ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा?
क्या मौजूदा सरकार कांग्रेस शासन की इस योजना को विफल मानकर नज़रअंदाज़ कर रही है?
अगर बीजेपी सरकार को लगता है कि पूर्ववर्ती सरकार ने गलत तरीके से यह निर्माण कराया है, तो इसकी जांच कर वसूली की जानी चाहिए, क्योंकि पैसा तो आम जनता का खर्च हुआ है। और अगर यह योजना उपयोगी है, तो इसे तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू किया जाना चाहिए, वरना आने वाले समय में दीवारों की ईंट तक नहीं बचेगी।
जनता का आग्रह है कि सरकार या तो इस योजना को सही दिशा में पुनर्जीवित करे या फिर उन लोगों पर कार्रवाई करे जिनकी लापरवाही से यह संसाधन व्यर्थ हो रहे हैं।

