डीएफवो श्री विकास यादव (आईएफएस )ने आईजीएल के बिजनेस हेड को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर किया सम्मानित
गोरखपुर सहजनवा उतर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित मियाबाकि पद्धति से 35 करोड़ पौधरोपण के लक्ष्य की प्राप्ति में इण्डिया ग्लाईकॉल्स लिमिटेड के बिजनेस हेड एस० के ० शुक्ल द्वारा अभूतपूर्व योगदान दिया गया तथा आईजीएल परिसर में इस पद्धति से पच्चीस हजार पौधों का रोपण कराकर जनपद के पर्यावरण में एक अमूल्य सहयोग भी किया।इसके साथ ही कंपनी द्वारा जनपद में अनेको जनसेवा के कार्य कराए जा रहे है।जिसके उपलक्ष्य में आज प्रभागीय वनाधिकारी आईएफएस श्री विकास यादव जी द्वारा कंपनी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ,इसके साथ ही डीएफओ ने कहा की आज आईजीएल पूर्वांचल के लिए एक नजीर पेश कर रही है की कैसे व्यापार,में नई तकनीकी को अपनाकर उच्च गुणवत्ता के उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है । आईजीएल के उत्पाद देश तथा विदेशी में भी अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर चुका है। आज आईजीएल के सभी उत्पाद अपनी उच्च गुणवत्ता हेतु आमजनमानस के बीच में काफी लोकप्रिय है। इसके साथ ही आईजीएल समाज में प्रत्येक वर्ग के लिए सदैव कुछ न कुछ कार्य करती रहती है। इसके साथ ही समय समय पर पशु पक्षियों एवं जंगलो के संरक्षण हेतु भी कार्य किए जाते है। सभी कार्य व्यापर प्रमुख एस के शुक्ल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसम्पर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा द्वारा कराए जाते है। डीएफवो गोरखपुर ने पुरे आईजीएल परिवार को और उन्नति और प्रगति हेतु शुभकामना दिया। पर्यावरण सरंक्षण हेतु प्रभागीय वनाधिकारी से मिले प्रशस्ति पत्र और शुभकामना के लिए एस के शुक्ल ने पुरे वन विभाग की टीम को धन्यवाद दिया और कहा की आपके इस कार्य से गीडा स्थित अन्य उद्योग भी इस तरह के सामाजिक कार्यो में आगे आएंगे । इसके साथ ही प्लांट हेड एपी मिश्र ने समस्त टीम को धन्यवाद दिया और कहा की निसंदेह आईजीएल बिजनेस हेड के नेतृत्व में पर्यावरण, रोजगार ,स्वास्थ्य , सुरक्षा, स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो को निरंतर जारी रखेगी। वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा की आगे भी जनहित के कार्यो को किया जाता रहेगा।कार्यक्रम में उपस्थिति सहायक प्रबंधक प्रशासन अखिलेश शुक्ल,मोनिका पांडे,प्रशासनिक अधिकारी वन विभाग सुनील यादव शब्बीर अहमद और वन रक्षक इत्यादि रहे।
राजेश सिन्हा