मनेंद्रगढ़ मुख्य नगरपालिक अधिकारी इसहाक खान ने आज संविधान दिवस के रूप में दिलाई शपथ
मनेंद्रगढ़ कोरिया मनेंद्रगढ़ मुख्य नगरपालिक अधिकारी इसहाक खान ने आज संविधान दिवस के रूप में दिलाई शपथ संविधान दिवस पर आप भी संविधान की उद्देशिका को जरूर पढ़ें और संविधान के प्रति एक शपथ लें. साथ ही जानते हैं संविधान से जुड़ी खास बातें…
संविधान दिवस: आज के दिन जरूर पढ़ें… हम, भारत के लोग भारत को एक…
संविधान दिवस के दिन कई सरकारी कार्यक्रमों में संविधान की उद्देशिका को पढ़ा जाता है.
आज 26 नवंबर है यानी संविधान दिवस. भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस को मनाया जाता है. भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ. नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया.
ये तो बात हुई संविधान की. संविधान दिवस के दिन कई सरकारी कार्यक्रमों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाता है. यह संविधान की प्रस्तावना को लेकर सरकार ने भी एक कैंपेन चलाया है, जिसमें आप ये प्रस्तावना पढ़कर सरकार से सर्टिफिकेट भी हासिल कर सकते हैं. यह खुद को संविधान के लिए समर्पित करता है. ऐसे में आप भी संविधान दिवस के मौके पर पढ़िए ये उद्देशिका…
संविधान उद्देशिका
हम, भारत के लोग, भारत को एक [सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न
समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने
के लिये, तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म
और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिये,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और [राष्ट्र की एकता
और अखण्डता] सुनिश्चित करने वाली
बंधुता बढ़ाने के लिये
द्रढ़संकल्प होकर
अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं.
संविधान क्यों है जरूरी?
– पहला यह साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता है.
– दूसरा यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा.
– तीसरा यह सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार हैं.
– चौथा, यह अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है.
संविधान की मूल प्रति कहां है?
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया था. आखिर संविधान की मूल प्रति कहां है और इसे किस तरह रखा गया है? भारत के संविधान की तीन मूल प्रतियां हैं और इन्हें संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रखा गया है. संविधान की मूल प्रति किसी भी हाल में खराब न हो इसलिए इसे हीलियम गैस से भरे एक बॉक्स में रखा जाता है. बताया जाता है कि संविधान के निर्माण पर कुल 64 लाख रुपये का खर्च आया था और संविधान के बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारतीय संविधान दुनिया में किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा है. अपने वर्तमान रूप में, इसमें; एक प्रस्तावना, 22 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं. मुख्य नगरपालिका अधिकारी इशहाक खान ने दिलाई शपथ जिसमे सभी कर्मचारियों ने संविधान दिवस के रूप में लिया शपथ जिसमे इंजीनियर पवन साहू, राजस्व उप निरीक्षक शिवनारायण, सहायक राजस्व निरीक्षक विजय मिश्रा, सन्तोष श्रीवास्तव, सुशील कुमार,रंजीता बड़ा, बलीराम,अमजद खान,पवन खरे, जिला समन्वयक स्वच्छ्ता प्रभारी विक्रांत साहू आदि लोगों ने लिया शपथ।
राजेश सिन्हा