बंद पड़ी खदानों के सम्बंध में जनप्रतिनिधि के पत्र पर कोयला मंत्रालय ने लिया संज्ञान
राजनगर कालरी/मनेन्द्रगढ़- कोयला देश की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है,मध्य प्रदेश के शुरुआती छोर अनूपपुर जिले के हसदेव और जमुना कोतमा क्षेत्र में बहुतायत संख्या में कोयला की खदानें थी,जो इन खदानों में काम करने वाले परिवारों की तीसरी- चौथी पीढ़ी इस कोयलांचल क्षेत्र में है, इनका जीवन यापन अब इस क्षेत्र में बड़े ही मुश्किल से हो पा रहा है क्योंकि इस क्षेत्र की कोयला खदानें लगातार बंद होने की वजह से क्षेत्र में आर्थिक कमजोरी एवं बेरोजगारी की समस्या भी व्याप्त हुई है,जहां काम करने वाले लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कामगार कम होने से क्षेत्र में व्यापारी वर्ग जो इन कर्मचारियों के ऊपर आश्रित था वह भी आर्थिक मंदी के कारण लगातार पलायन कर रहे हैं,ऐसी स्थिति में क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों का सृजन किया जाना क्षेत्र हित के लिए उचित होगा, इसी मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए क्षेत्र के समाजसेवी,अनूपपुर जिला योजना समिति के सदस्य एवं नगर परिषद डूमरकछार के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार चौरसिया ने कोयला सचिव कोयला मंत्रालयनई दिल्ली को पत्राचार कर मांग किया कि एसईसीएल उपक्रम के जमुना-कोतमा एवं हसदेव क्षेत्र में बन्द पड़ी खुली खदानों एवं भूमिगत कोयला खदानों का सर्वे कराकर जनहित/राष्ट्रहित में पुनः प्रारंभ किया जाए।
श्री चौरसिया ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि प्राप्त जानकारी के अनुसार कई कोयला खदानों में कोयले का संपूर्ण दोहन नहीं किया जा सका था कोयले की मात्रा आज भी इन खदानों में शेष है।
इसलिए जिले में सभी बंद पड़ी कोयला खदानों का सर्वे कराकर जंहा आज भी करोड़ों की राष्ट्रीय संपदा है,राष्ट्र को कोयले की आवश्यकता और क्षेत्र में बेरोजगारी को दूर करने के लिए बन्द पड़ी कोयला खदानों को सर्वे कराकर पुनः प्रारंभ करके जनहित/राष्ट्र हित में कोयले का उत्पादन पुनः कराये जाने का आग्रह कोयला सचिव,कोयला मंत्रालय भारत सरकार से किया था।
श्री चौरसिया के पत्र को संज्ञान में लेते हुए कोयला मंत्रालय के अपर सचिव ने जारी पत्र क्रमांक एफ.नं./एमपीएस- 54011/1/2023-एमपीएस (ई-356988) दिनांक 2 सितंबर 2024 के माध्यम से एसईसीएल उपक्रम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर को पत्राचार कर इस मामले में आवश्यक कार्यवाही किए जाने बाबत उल्लेख किया है, इस पत्राचार से क्षेत्र में एक नए प्रकार की आस जगी है,इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जिले में की बंद पड़ी कोयला खदानों का सर्वे करा कर यदि कुछ खदानें पुनः प्रारम्भ किए जाने लायक है जिन्हें प्रबंधन पुनः प्रारम्भ करता है तो निश्चित रूप से क्षेत्र की उन्नति और तरक्की में यह एक मील का पत्थर साबित होगा।
श्री चौरसिया के साथ ही कोयलांचल क्षेत्र और जिले की जनता ने एसईसीएल प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से बन्द पड़ी कोयला खदानों का सर्वे कराकर कोयला खदानों को पुनः संचालित किए जाने का आग्रह किया है ताकि क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिल सके और क्षेत्र समृद्ध और खुशहाली के सोपान पर निरंतर चढ़ता रहे।