भ्रष्टाचार उजागर होने का वन विभाग को सताया डर तो आरटीआई में नहीं दिया ज़वाब
कोरिया – जिले के वन मंडल मनेन्द्रगढ अंतर्गत बहरासी एवं जनकपुर कष्ठागार कार्यालय में इन दिनों सूचना के अधिकार अधिनियम को दरकिनार करते हुए व अड़ियल रवैया अपनाते हुए अधिकारी आवेदक को ठेंगा दिखा रहे है। जन सूचना अधिकारी आवेदन की समयावधि पूर्ण हो जाने के बाद भी टस से मस नही हो रहे है। कार्यालय में आरटीआई के नियम कायदों को ताक में रख दिया गया है।और आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदन का समय रहते सूचना प्रदान करना उचित नही समझते जो कही न कही सूचना के अधिकार अधिनियम की धाराओं का इनके द्वारा खुला उलंघन साफ है।
जानकारी के मुताबिक लगभग डेढ़ से दो महीने पूर्व (28/10/2021 – 8/11/2021) पत्रकार संजीव गुप्ता द्वारा वन परिक्षेत्र बहरासी एवं जनकपुर कष्ठागार कार्यालय से कुछ जानकारी हेतु आवेदक ने पंजीकृत डाक एवं स्वयं के द्वारा कार्यालय में आवेदन लगया गया था । 30 दिन बीत जाने के बाद भी कार्यालय से जन सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन संबंधित कोई जानकारी आवेदक को नही दी गई तत्पश्चात दिनांक 9/12/2021 को आवेदक द्वारा वन मंडलाधिकारी को प्रथम अपील लगया तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा अपील प्रकरण के संबंध में अपना पक्ष रखतें हुए लिखित प्रतिवेदन दिनांक 23/12/2021 तक वन मंडल मनेन्द्रगढ कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा गया था आवेदक द्वारा अपना पक्ष रखतें हुए लिखित आवेदन जमा किया गया मगर एक माह बीत जाने के बाद भी प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा भी कोई जानकारी प्राप्त नही हुई । जो इस बात की ओर इशारा करती है कि आवेदन संबंधी जानकारी देने में अधिकारी टाल मटोल कर रहे है । अब आवेदक ने जानकारी न मिलने की स्थिति में द्वितीय अपील एवं शिकायत करने के लिए आवेदक अग्रसर वहीं वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार संकेत मिल रहे हैं। यही वजह है कि वन विभाग जानकारी देने से कतरा रहा है क्योंकि जानकारी देने पर लाखों रुपये के भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं वहीं आरटीआई कार्यकर्ता संजीव गुप्ता ने कहा कि यदि वन विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आता तो मेरे द्वारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जायेगा।
राजेश सिन्हा
संपादक
खबर जागरण न्यूज़