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बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, झूठ कितना ही बलशाली क्यों न हो,अंततः जीत अच्छाई और सच्चाई की होती है
हम अपने जीवन में शुरू से देखते और सुनते आ रहे है कि हमेशा जीत अच्छाई और सच्चाई की ही होती है।ये बात हमारे पुराणों और हमारे त्योहारों के द्वारा भी हमें दर्शाया गया है,कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, झूठ कितना ही बलशाली क्यों न हो,अंततः जीत अच्छाई और सच्चाई की ही होती है । क्योंकि अच्छाई और सच्चाई के साथ भले ही कोई मानव साथ खड़ा हो न खड़ा हो, स्वयं भगवान साथ खड़े होते है, और जब त्रिलोकी नाथ साथ हो तो मानव साथ दे न दे कोई फर्क नहीं पड़ता।
सब जानते हैं कि बुराई पे अच्छाई की जीत के दो त्यौहार हम मनाते हैं, एक दशहरा जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी ने रावण को मारकर हमेशा की तरह बुराई पर अच्छाई की जीत का एक उदाहरण दिया था , तब भी एक महान तपस्वी ज्ञानी अति बलशाली रावण को मारकर अच्छाई और सच्चाई की ताकत दर्शाई थी,और खुशियों का, जीत का त्यौहार फिर मनाया गया वो है दीपावली और दूसरा त्यौहार जो है उसे हम होलिका दहन के नाम से जानते है, इसमें भी छल कपट के द्वारा एक नन्हे से बालक को उसको मीठी मीठी बातों में फसाकर उसके साथ छल किया गया क्योंकि वह श्री हरि का भक्त था उसे मारना चाहा । लेकिन आखिर कार वही हुआ जो हरि इक्षा थी। होलिका जो हरि भक्त प्रहलाद को अपनी मीठी बातों में फसाकर आग में लेकर बैठी थी ,अपनी ही बनाई हुई आग में जल जाती है और हमेशा की तरह यहां भी अच्छाई सलामत रहती है और जीत जाती हैं। और इसी जीत को पूरा संसार दिवाली की तरह ही मनाता है, बस फर्क इतना है कि दिवाली दीपों का त्यौहार होता है और यहां होली मतलब रंगों का त्यौहार मनाकर जीत का उत्सव मनाया जाता है।
इससे ये भी सबक मिलता है कि अगर कोई किसी के लिए गड्ढा खोदता है, किसी का बुरा चाहता है ,तो उसका ही बुरा होता है वह खुद उस गड्ढे में गिर जाता है! इस लिए हमेशा अच्छे कर्म करे कभी किसी का बुरा न करें न ही बुरा सोचें। हमेशा सही राह पर चले, भले ही फिर उस राह पर आप अकेले ही क्यों न हो कोई साथ हो न हो ,आपको अपनी सही राह चलते जाना है अपनी अच्छाई बरकरार रखनी है, अपने कदम पीछे नहीं करना है बुराई के डर से , इस डर से की कोई साथ नहीं दे रहा।देखिए कुछ होंगे जो साथ होकर भी साथ नहीं होंगे, कुछ होंगे जो बुराई के डर के कारण आपका चाहते हुए भी साथ नहीं दे पाएंगे और कुछ ऐसे होंगे जो बुराई के साथ ही जाकर मिल जाएंगे। पर आप डरे नहीं, घबराए नहीं,आंखे बंद करके देखे आपके साथ स्वयं नारायण है, तो जब वो आपके साथ है तो कोई साथ दे न दे क्या कोई फर्क आपको नहीं पड़ना चाहिए। हमेशा श्री हरि का नाम जाप करें “नारायण नारायण”और सच्चाई के साथ सही राह पे आगे बड़े।